-26 के मुकाबले 38 : मॉनसून सत्र से पहले सत्तापक्ष और विपक्ष में सियासी उबाल
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— बेंगलुरु में विपक्षी दलों का मंथन, ‘हम एक हैं’ का संदेश
— नड्डा बोले- एनडीए की आज बैठक, आएंगे 38 दल
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इंट्रो
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जहां एक ओर विपक्षी दल गठबंधन की कोशिश में मंगलवार को एकजुट हो रहे हैं, वहीं इस गठबंधन की बैठक के जवाब में दिल्ली में एनडीए भी एक बड़ी बैठक करने जा रही है, जिसमें कि भाजपा के अलावा 38 दलों के नेता शामिल होंगे। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में 26 दल जुटे हैं। सोमवार को डिनर में एकजुटता दिखाई, वहीं मंगलवार को नई रणनीति की तैयारी है।
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नई दिल्ली/बेंगलुरु। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक सोमवार को शुरू हो गई। दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र में 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेता पहुंचे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने विपक्षी दलों की बैठक से पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि संसद में सभी विपक्षी दलों पर अकेले भारी पड़ने की बात करने के बाद अब प्रधानमंत्री को 30 छोटे-छोटे दलों को गिनने की जरूरत क्यों पड़ गई। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने से भारतीय जनता पार्टी घबरा गई है। बैठक को लेकर यहां पोस्टरों के माध्यम से ‘हम एक हैं’ (यूनाइटेड वी स्टैंड) का संदेश देने का प्रयास किया गया। इस नारे के पोस्टरों से बेंगलुरु की सड़कें पटी पड़ी हैं। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कई अन्य नेता इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। शरद पवार के बैठक में शामिल होने से जुड़ी अटकलों को खारिज करते हुए खड़गे ने दिल्ली में कहा कि उनकी पवार से बात हुई है और वह मंगलवार को बैठक में शामिल होंगे। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, खरगे, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी और कुछ अन्य नेता सोमवार को बेंगलुरु पहुंच गए। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता भारत के राजनीतिक परिदृश्य के लिए परिवर्तनकारी साबित होगी तथा जो लोग अकेले दम पर विपक्षी पार्टियों को हरा देने का दंभ भरते थे, वे इन दिनों ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भूत’ में नयी जान फूंकने की कोशिश में लगे हुए हैं। विपक्षी दलों की बैठक के दूसरे दिन की चर्चा 18 जुलाई को रही है और उसी दिन दिल्ली के एक पांचसितारा होटल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक हो रही है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि राजग की बैठक में 38 दल शामिल हो रहे हैं। विपक्षी दलों की बैठक से पहले माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि वाम दल एवं कांग्रेस के साथ मिलकर धर्मनिरपेक्ष पार्टियां राज्य में भाजपा और टीएमसी दोनों का मुकाबला करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पूरा प्रयास होगा कि भाजपा के खिलाफ मतों का बंटवारा कम से कम हो।
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कांग्रेस ने राजग पर साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, पहले राजग की कोई बात ही नहीं होती थी और कुछ दिनों से हम अचानक इसके बारे में पढ़ और सुन रहे हैं। खबरें है कि कल राजग की एक बैठक बुलाई गई है, तो जो राजग भूत बन गया था, अब उसमें नयी जान फूंकने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 26 विपक्षी दल एकजुट होकर आगे बढ़ने, लोगों की समस्याओं का समाधान देने तथा ‘तानाशाही सरकार के क्रियाकलापों’ से उपजी चिंताओं से निपटने के लिए यहां हैं।
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साझा न्यूनतम कार्यक्रम
विपक्षी दल साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर काम करेंगे और मिलकर आंदोलन करने की योजना की घोषणा करने के साथ ही साझा घोषणापत्र और हर सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा करने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
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सोनिया ने डिनर पर किया आमंत्रित
सोनिया गांधी ने विपक्ष के नेताओं को डिनर पर आमंत्रित किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी चार्टर प्लेन से दोपहर बेंगलुरु पहुंचे। बैठक में महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला, नीतीश, लालू, अखिलेश, ममता समेत कई नेता पहुंचे। पार्टी में फूट के बाद शरद पवार कल सीधे बैठक में शामिल होंगे।
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दोनों खेमों से माहौल बनाने की कोशिश
दरअसल संसद के मॉनसून सत्र से पहले 17 जुलाई और 18 जुलाई को विपक्षी दल अपनी एकता दिखाकर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश में एंटी बीजेपी माहौल बनाना चाहते थे। ऐसे में भाजपा ने भी मोर्चा संभालते हुए 18 जुलाई को एनडीए की बैठक बुलाई है। इसके जरिए भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी एकता को अपनी बढ़ती ताकत का अहसास कराएगी।
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इधर, नड्डा बोले
विपक्ष के पास नेता, नीयत और नीति कुछ भी नहीं
बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक के बीच एनडीए ने भी दम भरना शुरू कर दिया है। इसको लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान नड्डा ने दावा किया कि एनडीए के साथ कुल 38 राजनीतिक दल हैं। वहीं, विपक्ष पर हमला बोलते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उनके पास नेता, नीयत और नीति कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के पास फैसला लेने तक की क्षमता नहीं है। इतना ही नहीं, नड्डा ने संयुक्त विपक्ष की बैठक को फोटो खिंचवाने का मौका भर बता डाला। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि एनडी की बैठक मंगलवार शाम को तय की गई है। हमारे 38 सहयोगियों ने एनडीए बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत 28 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। हमने लगभग 4-5 लाख करोड़ रुपये की लीकेज को बंद कर दिया है। इसके अलावा, शासन में डिजिटल उपकरणों का उपयोग बढ़ा है, जिससे पारदर्शिता आई है।
एनडीए आदर्श गठबंधन
नड्डा ने कहा कि बीते नौ साल में हमने पीएम मोदी का मजबूत नेतृत्व देखा है। लोगों ने इसकी तारीफ भी की है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलीरेंस बढ़ चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कोविड 19 मैनेजमेंट के दौरान भी एक उदाहरण सेट किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि एनडीए एक आदर्श गठबंधन हैं, जिसका मकसद देश की सेवा करना और इसे मजबूती देना है।

