यूपी एटीएस का शिकंजा
नोएडा। देश में इस समय पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर और सचिन की प्रेम कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है। पाकिस्तानी सीमा हैदर और सचिन की लव स्टोरी में जासूसी का एंगल आ गया है। अब यूपी एटीएस की टीम ने पाकिस्तानी निवासी सीमा हैदर को हिरासत में ले लिया और गुप्त स्थान पर सीमा हैदर से एटीएस ने पूछताछ शुरू कर दी है। एटीएस सीमा के साथ ही उसके चार बच्चों और सचिन को भी अपने साथ ले गई है।
एटीएस की टीम व्हाट्सएप चैट और तमाम सबूतों के आधार पर आगे की पूछताछ करेगी। सीमा के आईडी कार्ड हाई कमीशन भेजे गए हैं। पता चला है कि सीमा के चाचा पाकिस्तान आर्मी में सूबेदार और सीमा का भाई पाकिस्तानी सैनिक है। सीमा से अभी भारत की सुरक्षा एजेंसी पूछताछ करेंगी।सीमा हैदर शुरू से ही एटीएस के राडार पर थी, वह नेपाल के रास्ते अपने प्रेमी सचिन से मिलने भारत आई। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) के एक संदिग्ध एजेंट को पड़ोसी देश में अपने आकाओं को ‘रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी’ प्रदान करने के आरोप में लखनऊ से गिरफ्तार करने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। एटीएस द्वारा पाकिस्तानी महिला से पूछताछ ऐसे समय में हुई है जब ग्रेटर नोएडा में एक दक्षिणपंथी समूह ने धमकी दी है कि अगर अपने चार बच्चों के साथ अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाली सीमा हैदर को 72 घंटों के भीतर देश से बाहर नहीं निकाला गया तो वह विरोध प्रदर्शन करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से पुष्टि की है कि हैदर से एटीएस ने सोमवार को पूछताछ की और स्थानीय पुलिस इसमें शामिल नहीं थी। अधिकारी ने कहा कि स्थानीय पुलिस मामले की अलग से जांच कर रही है और अभी तक आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है।
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प्रेम कहानी पर पूछताछ
प्रेम कहानी से लेकर भारत में आने तक के सभी पहलुओं पर पूछताछ हो रही है। यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि सीमा एक पाकिस्तानी नागरिक है और उसके आने में बहुत सारे पेंच हैं। ऐसे में उससे पूछताछ लाजिमी है, इसलिए देश की सुरक्षा में लगी ऐसी सभी एजेंसी उससे पूछताछ करेंगी।
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पाकिस्तानी सेना में भाई और चाचा
इंटेलिजेंस ब्यूरो को इनपुट मिला है कि सीमा हैदर के चाचा पाकिस्तानी सेना में सूबेदार हैं। उसका भाई भी पाकिस्तानी आर्मी में है। इससे पहले सीमा ने अपने भाई को लेकर कहा था कि वह सेना में नहीं है, बल्कि सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा है। एटीएस इस इनपुट की जांच कर रही है कि यह कितना सच है। आईबी से इनपुट मिलने के बाद एटीएस एक्शन में आ गई। सीमा हैदर के पासपोर्ट को भी जांच के लिए भेजा गया है।
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इधर, पाक के लिए जासूसी, तीन को उम्रकैद
अहमदाबाद। गुजरात की एक सत्र अदालत ने जासूसी करने और भारत के सैन्य ठिकानों के बारे में गोपनीय जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस’ को लीक करने के आरोप में सोमवार को तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अंबालाल पटेल की अदालत ने मौत की सजा के लिए अभियोजन पक्ष की अपील खारिज कर दी और कहा कि तीनों व्यक्तियों द्वारा किया गया अपराध दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है। अदालत ने कहा कि तीनों को रोजगार भारत में मिला, लेकिन उनका प्रेम और देशभक्ति पाकिस्तान के लिए थी। अदालत ने यह भी कहा कि भारत में रह कर भारत के नागरिक के रूप में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले व्यक्ति को स्वेच्छा से देश छोड़ देना चाहिए, या सरकार को उन्हें ढूंढना चाहिए और पाकिस्तान भेज देना चाहिए”। अदालत ने 2012 के मामले में सिराजुद्दीन अली फकीर (24), मोहम्मद अयूब (23) और नौशाद अली (23) को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), शासकीय गोपनीयता अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में दोषी ठहराया। तीनों को आईपीसी की धारा 121, 121 (ए) और 120 (बी) और आईटी अधिनियम की धारा 66 (एफ) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, साथ ही शासकीय गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत 14 साल के कठोर कारावास और आईपीसी की धारा 123 (युद्ध छेड़ने की साजिश को छिपाना) के तहत 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ जारी रहेंगी। अहमदाबाद शहर की अपराध शाखा ने 14 अक्टूबर 2012 को जमालपुर इलाके के निवासी फकीर और अयूब को अहमदाबाद और गांधीनगर सैन्य छावनी से संबंधित गोपनीय जानकारी आईएसआई को देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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