कांग्रेस के समर्थन से बन गई बात, विपक्षी गोलबंदी को ‘आप’ का साथ

—-विपक्षी दलों की बैठक से पहले कांग्रेस का निर्णय, केंद्र के अध्यादेश का समर्थन नहीं

लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाई है। बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को बैठक हो रही है। बेंगलुरु में शुरू होने जा रही विपक्षी दलों की बैठक से ठीक पहले कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वह दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का संसद में समर्थन नहीं करेगी। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के इस रुख का स्वागत किया है। आप ने बयान जारी कर कहा कि वह 17 से 18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक में शामिल होगी।

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने रविवार को कहा कि पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिये बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी। ‘आप’ की राजनीतिक मामलों की समिति की रविवार को यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। चड्ढा ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का संसद में विरोध करने के कांग्रेस के कदम का स्वागत किया। केजरीवाल की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ‘आप’ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई है। ‘आप’ ने पहले कहा था कि वह बेंगलुरु की बैठक में तभी शामिल होगी, जब कांग्रेस संसद में दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश के विरोध में आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन देगी। पीएसी में विचार-विमर्श के बाद चड्ढा ने घोषणा की कि केजरीवाल के नेतृत्व में ‘आप’ सोमवार को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में भाग लेगी। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के वास्ते यह एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों की दूसरी बैठक होगी। पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी।

‘आप’ की पीएसी की बैठक कांग्रेस द्वारा दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर केंद्र के अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करने के तुरंत बाद हुई है। कांग्रेस ने रविवार को साफ किया कि वह दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का संसद में समर्थन नहीं करेगी और देश में ‘संघवाद को ध्वस्त’ करने के केंद्र सरकार के ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करेगी। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी का रुख साफ है कि वह राज्यपालों के जरिए विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में हस्तक्षेप करने के केंद्र के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगी और उसने संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश पर विधेयक पेश किये जाने पर इसका विरोध करने का फैसला किया है।

वेणुगोपाल बोले- हमारा रुख साफ

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि हमारा रुख साफ है। हम राज्यपालों के जरिए विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में हस्तक्षेप करने के केंद्र के कदमों का विरोध करेंगे। कांग्रेस पार्टी ने संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश का विरोध करने का फैसला किया है। संयुक्त विपक्ष की बैठक से पहले बेंगलुरु पहुंचे कांग्रेस महासचिव-संगठन केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पटना में हुई बैठक 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने की शुरुआती बैठक थी। अब बेंगलुरू में होने जा रही बैठक पटना समिट की अगली कड़ी है। हम इस बैठक के जरिए 2024 के आम चुनावों को लेकर आगे बढ़ेंगे।

मानसून सत्र में अध्यादेश की तैयारी

20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। केंद्र सरकार इस सत्र में 21 बिल लाने वाली है, जिसमें दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर 20 मई को लाया गया अध्यादेश भी शामिल है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष का समर्थन जुटा रहे हैं।

बिहार में जुटे थे 17 विपक्षी दल

इससे पहले 23 जून को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। इसमें आप समेत 17 दल शामिल हुए थे। तब बैठक में केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस ने अगर अध्यादेश पर हमारा समर्थन नहीं किया तो हम विपक्ष की बैठक में नहीं आएंगे।

इधर, एनडीए का महाजुटान

विपक्षी एकता की एकजुटता के विरोध में सत्तारूढ़ भाजपा ने भी 18 जुलाई को दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक बुलाई है। इसमें उसने अपने पुराने और नए सहयोगियों को आमंत्रित किया है। सूत्रों ने कहा कि अब तक 19 दलों ने एनडीए बैठक में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए सहयोगियों को पत्र भेजा है। इनमें अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट और जीतन राम मांझी के हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा जैसे नए सहयोगी शामिल हैं। एनडीए की बैठक संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक दो दिन पहले हो रही है। सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एनडीए सहयोगियों के बीच बेहतर समन्वय पर चर्चा की जाएगी।

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