मिशन चंद्रयान-3
25.30 घंटे का काउंटडाउन
आज दोपहर 2:35 बजे होगा प्रक्षेपण
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श्रीहरिकोटा। इसरो ने कहा कि देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3′ के प्रक्षेपण के लिए 25.30 घंटे की उलटी गिनती गुरुवार को यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र में शुरू हो गई थी। शुक्रवार को रवाना होने वाला ‘चंद्र मिशन’ वर्ष 2019 के ‘चंद्रयान-2′ का अनुवर्ती मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है। ‘चंद्रयान-2′ मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम’ पथ विचलन के चलते ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हुआ था। यदि इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। इसरो ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, एलवीएम3एम4-चंद्रयान-3 मिशन: शुक्रवार-14 जुलाई को 14.35 बजे पर किए जाने वाले प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू हो गई है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि ‘चंद्रयान-3′ कार्यक्रम के तहत इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल की मदद से चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ और चंद्र भूभाग पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है।
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आज से शुरू होगी चंद्रयान-3 की यात्रा
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा कि ‘चंद्रयान-3′ को शुक्रवार के दिन अपराह्न 2:35 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा। उन्होंने कहा, चंद्रयान-3 कल अपनी यात्रा शुरू करेगा। सोमनाथ के अनुसार, इसरो का अगला प्रक्षेपण कार्यक्रम जुलाई के अंत में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के जरिए एक वाणिज्यिक उपग्रह का होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का अंतरिक्ष आधारित पहला मिशन ‘आदित्य-एल1′ अगस्त में संभावित है।
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चांद पर 24 अगस्त को उतरेगा
चंद्रयान 23 अगस्त को चांद पर उतरेगा। अगले 14 दिन रोवर लैंडर के चारों ओर 360 डिग्री में घूमेगा और कई परीक्षण करेगा। रोवर के चलने से पहिए के जो निशान चंद्रमा की सतह पर बनेंगे, उनकी तस्वीर भी लैंडर भेजेगा।
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इसरो प्रमुख ने मंदिर में की पूजा-अर्चना
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने ‘चंद्रयान-3′ मिशन के प्रक्षेपण से पहले गुरुवार को सुल्लुरपेटा स्थित श्री चेंगलम्मा परमेश्वरिनी मंदिर में पूजा-अर्चना की। काली टी-शर्ट पहने सोमनाथ ने श्रीहरिकोटा से 22 किलोमीटर पश्चिम में तिरुपति जिले में स्थित मंदिर में पूजा की। सोमनाथ ने संवाददाताओं से कहा, मुझे चेंगलम्मा देवी के आशीर्वाद की जरूरत है…मैं यहां प्रार्थना करने और इस मिशन की सफलता के लिए आशीर्वाद लेने आया हूं।
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