दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में स्थित अमरनाथ मंदिर के लिए 6,500 से अधिक तीर्थयात्री मंगलवार को जम्मू शहर से कश्मीर स्थित आधार शिविरों के लिए रवाना हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हिमालयी क्षेत्र में 3,888 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा एक जुलाई को अनंतनाग जिले के पहलगाम और गांदरबल जिले के बालटाल से शुरू हुई। अधिकारियों ने बताया कि दिन में तीर्थयात्रियों की संख्या 50 हजार के पार जाने की संभावना है क्योंकि यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को तड़के कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 253 वाहनों के काफिले में 1,429 महिलाओं, 160 संतों और 33 बच्चों सहित कुल 6,597 तीर्थयात्री यहां भगवती नगर आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना हुए।
ध्वजारोहण, भूमि पूजन के साथ छड़ी मुबारक शुरू
- अमरनाथ यात्रा 2023 : 19 साल बाद यात्रा में बना शुभ मुहूर्त
(फोटो : मुबारक)
जम्मू। आषाढ़-पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को पहलगाम में विविध धार्मिक कार्यक्रम हुए। यह पारंपरिक और धार्मिक रूप से छड़ी मुबारक श्री अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। तीर्थयात्रा के मुख्य मार्ग में प्रवेश से पहले शंख की ध्वनि से पूरा वातावरण गूंज उठा। सावन में ऐसा शुभ मुहूर्त 19 साल बाद आया है। यात्रा में शामिल भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। छड़ी-मुबारक श्री अमरनाथ यात्रा महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में सुबह सात बजे दशनामी अखाड़ा श्रीनगर से पहलगाम के लिए रवाना हुई। जिला प्रशासन ने संगम पर छड़ी-मुबारक की अगवानी की और अधिकारी पहलगाम तक उसके साथ रहे। यहां पर वैदिक मंत्रोच्चार, भूमि-पूजन, नवग्रह-पूजन, ”छड़ी-पूजन” और ”ध्वजारोहण” से यात्रा शुरू हुई। इस अवसर पर महंत दीपेंद्र गिरि ने कहा कि इस वर्ष की तीर्थयात्रा अधिक महत्व रखती है, क्योंकि इस वर्ष दो सावन के महीने हैं और यह शुभ मुहूर्त 19 वर्षों के बाद आया है। यात्रा करने वाले भक्तों की सभी मन्नतें पूरी हो जाएंगी। महंत ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अलग जाति, पंथ या धर्म के होने के बावजूद तीर्थयात्रा में देश विदेश से आने वाले यात्रियों और साधुओं को सहयोग कर रहे हैं।
सरकार अलग से तैयार करे सुरक्षा तंत्र
अनंतनाग के ऐतिहासिक मार्तंड मंदिर में भी प्रार्थना की गई। तीर्थयात्रा के दौरान सरकार द्वारा लगाए गए यातायात प्रतिबंधों के मद्देनजर स्थानीय लोगों को होने वाली कठिनाइयों के एक सवाल के जवाब में महंत ने कहा कि एहतियाती कदम उठाना अच्छा है, लेकिन उन्होंने सरकार को एक सुरक्षा तंत्र तैयार करने का भी सुझाव दिया, जिससे स्थानीय लोगों को होने वाली दिक्कतों से बचाया जा सके। महंत ने पहलगाम में धार्मिक अनुष्ठानों को करने के बाद सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बताया।
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