चाचा ने मिस किए बड़े ‘हिंट’ और भतीजे ने कर दिया खेला!

-अजीत पवार ने की बगावत, शिंदे सरकार में बने डिप्टी

-महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर

इंट्रो

महाराष्ट्र की सियासत में सबसे बड़ा खेला हो गया है। अजित पवार ने एनसीपी के साथ वो कर दिया है, जिसकी उम्मीद शरद पवार ने शायद ही की होगी।महाराष्ट्र की सियासत में सबसे बड़ा खेला हो गया है। अजित पवार ने एनसीपी के साथ वो कर दिया है, जिसकी उम्मीद शरद पवार ने शायद ही की होगी। इस समय अजित पवार शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम की शपथ ले चुके हैं। उनके साथ एनसीपी के दूसरे कई कद्दावर नेता भी सरकार का हिस्सा बन गए हैं। माना जा रहा है, शरद पवार ने ऐसे हिंट मिस कर दिए जिससे ये समझा जा सकता था कि अजित पर अब विश्वास नहीं किया जा सकता…

हिंट नंबर 1

शरद पवार को सबसे पहले हिंट तो साल 2019 में उस समय मिल गई थी जब अजित ने 72 घंटे के लिए डिप्टी सीएम बनकर दिखाया था। लेकिन ये सरकार 72 घंटे में ही गिर गई क्योंकि अजित पवार ने दावे तो बड़े किए, लेकिन वे एनीसपी से पर्याप्त समर्थन नहीं जुटा पाए। अब शरद पवार के लिए ये सबसे पहली हिंट थी कि अजित अब भरोसे के लायक नहीं। लेकिन हुआ इसके एकदम उलट। शरद ने अजित को वापस स्वीकार भी किया और फिर बाद में उन्हें डिप्टी सीएम का पद भी दिलवा दिया।

हिंट नंबर 2

इस साल की शुरुआत में ऐसी अटकलों ने काफी जोर पकड़ा कि अजित पवार, बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, या फिर उनकी तरफ से एनसीपी में दो फाड़ किया जा सकता है। राजनीतिक गलियारों में ये खबर तेजी से फैल चुकी थी, लेकिन शरद पवार ने कहा कि ये सब मीडिया वाले अफवाह फैला रहे हैं। मेरे भतीजे को लेकर भ्रम का माहौल बनाया जा रहा है। यानी कि अजित तो खेल करने के लिए रेडी थे, लेकिन शरद का चाचा वाला प्यार उसे शायद समझ नहीं पाया।

हिंट नंबर 3

शरद जैसे बड़े नेता अपने पद से इस्तीफा दें, सभी कार्यकर्ता दुखी हो जाएं, लेकिन अजित उन्हें बस समझाने का काम करें, कह दें कि नए नेतृत्व को मौका मिलना चाहिए। ये रवैया ही बताने के लिए काफी था कि अजित अब शरद को पार्टी अध्यक्ष के रूप में नहीं देख रह थे। वे तो लंबे समय से चाहते थे कि एनसीपी अध्यक्ष उन्हें बनाया जाए। लेकिन अजित के वो बयानों के तीर भी शरद पवार को संकेत नहीं दे पाए।

नंबर 4

अजित पवार एनसीपी में रहकर कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ कर गए, गृह मंत्री अमित शाह के लिए भी उन्होंने कई मौकों पर ऐसे ही बयान दिए। पिछले महीने मीडिया से बात करते हुए अजित पवार ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी एक करिश्माई नेता हैं। उन्होंने मोदी की तुलना इंदिरा और नेहरू से भी कर दी थी। यानी कि अगर कांठ की हांडी सिर्फ एक बार चढ़ती तो शरद पवार अपने साथ इतना बड़ा खेल नहीं होने देते। लेकिन क्योंकि यहां पर अजित ने बार-बार बगावत की, लेकिन चाचा माफ करते चले गए, ऐसे में अब इसका नतीजा एनसीपी में दो फाड़ के रूप में देखने को मिल रहा है।

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