नई दिल्ली, इंफाल>मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सीएम इस्तीफा देने राज्यपाल निवास जा रहे थे। सीएम के इस्तीफे की खबर लगते ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक उनके आवास पहुंच गए। उनके इस्तीफे की एक कापी भी महिलाओं ने तब फाड़ दी, जब दो मंत्रियों ने सीएम हाउस के बाहर उसे प्रदर्शन कर रही महिलाओं को दिखाया। वहीं समर्थकों की भीड़ व मंशा को भांपते हुए सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि वे ऐसे समय इस्तीफा नहीं देंगे जब मणिपुर में अशांति का माहौल निर्मित है। इधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर में हिंसा पीड़ितों एवं राज्यपाल से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया।
बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर लंबे समय से हिंसा की चपेट में है। हिंसा को रोकने में नाकामी और खराब कानून व्यवस्था को लेकर सिंह की लगातार आलोचना हो रही थी। विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार से उनके इस्तीफे की मांग कर रही थी। हाल ही में सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और राज्य की स्थिति पर रिपोर्ट सौंपी थी। इस मुलाकात में सिंह ने शाह से कहा था कि राज्य में स्थिति अराजक है तभी बीरेन सिंह ने इस्तीफा देने का मन बना लिया था। सिंह 3 बजे राज्यपाल से मिलने आवास से निकले तो उन्हें समर्थकों ने घेर लिया और इस्तीफा पत्र फाड़ दिया, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इधर, हिंसा को देखते हुए इंटरनेट पर बैन 5 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
बीरेने ने कहा- इस्तीफा नहीं दे रहा, शांत हुए समर्थक
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।’ उन्होंने कहा कि उनका पहला उद्देश्य राज्य में शांति स्थापित करना है। सीएम ने लोगों से भी अनुरोध किया है कि वे अफवाहों से सावधान रहें और हिंसा का रास्ता त्यागें। बीरेन सिंह ने हजारों की संख्या में समर्थकों को देखते हुए इस्तीफा नहीं सौंपने का ऐलान किया तब जाकर समर्थक शांत हुए।
राज्यपाल व विस्थापितों से मिले राहुल
राहुल की फोटो ……………
ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2 दिन के मणिपुर दौरे पर हैं। राहुल ने आज इंफाल में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। उन्होंने राहत शिविरों में शिशु आहार, दवा जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी पर चिंता जताई। शुक्रवार को मोइरांग रिलीफ कैंप में हिंसा प्रभावित से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा- मणिपुर को शांति की जरूरत है। मैं चाहता हूं कि यहां शांति बहाल हो। मैंने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया, इन राहत शिविरों में कमियां हैं, सरकार को इसके लिए काम करना चाहिए। राहुल ने बच्चों के साथ खाना भी खाया।
समाधान नहीं ला सकते, तो दूर रहें राहुल : सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि अगर राहुल मणिपुर की समस्या के लिए कोई सॉल्यूशन नहीं ला सकते तो उन्हें इससे दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा- राज्य और केंद्र सरकार स्थिति को काबू में करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में किसी नेता को वहां नहीं जाना चाहिए।
दो माह की हिंसा में क्या-क्या हुआ मणिपुर में
मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। हिंसा में अब तक 131 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 419 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। 6 हजार एफआईआर हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। हिंसा को देखते हुए इंटरनेट पर बैन 5 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 आईपीएस तैनात किए गए हैं।
सिंह देंगे इस्तीफा तो लोग कैसे रहेंगे : नागरिक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर के निवासियों का कहना है कि ऐसी स्थिति में अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे देते हैं, तो लोग यहां कैसे रहेंगे, हमारा नेतृत्व कौन करेगा? मैं नहीं चाहता कि वह इस्तीफा दें। हमें उन पर भरोसा है। नागरिकों ने कहा कि वे 2 महीने से हिंसा से जूझ रहे हैं और उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब भारत सरकार और मणिपुर सरकार इस संघर्ष को लोकतांत्रिक तरीके से हल करेगी।
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