प्रधानमंत्री मोदी ने की ‘यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड’ की वकालत…कोई भी मुल्क दो क़ानूनों पर नहीं चल सकता

मोदी ने सवाल किया कि अगर ‘ट्रिपल तलाक़’ इस्लाम का अभिन्न अंग है, तो उसका पालन मुस्लिम-बहुल देशों मिस्र, इंडोनेशिया, कतर, जोर्डन, सीरिया, बांग्लादेश और पाकिस्तान में क्यों नहीं किया जाता? 90 फीसदी सुन्नी मुस्लिम आबादी वाले मिस्र में ‘ट्रिपल तलाक़’ को 80-90 साल पहले ही खत्म कर दिया गया था।


भोपाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी के मोतीलाल नेहरु स्टेिडयम में भाजपा के िलए िवधानसभा और लोकसभा चुनाव के िलए िमशन 2024 का एजेंडा सेट कर िदया। मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) यानी समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते। और, कोई भी देश दो क़ानूनों के आधार पर नहीं चल सकता। ‘मेरा बूथ, सबसे मज़बूत’ अभियान के अंतर्गत बूथ विस्तारकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को सवाल किया कि अगर ट्रिपल तलाक़ इस्लाम का अभिन्न अंग है, तो उसका पालन मुस्लिम-बहुल देशों मिस्र, इंडोनेशिया, कतर, जोर्डन, सीरिया, बांग्लादेश और पाकिस्तान में क्यों नहीं किया जाता? उन्होंने कहा कि 90 फीसदी सुन्नी मुस्लिम आबादी वाले मिस्र में ट्रिपल तलाक़ को 80-90 साल पहले ही खत्म कर दिया गया था। मोदी ने कहा िक

जो ट्रिपल तलाक़ की वकालत करते हैं, वे वोट बैंक के भूखे हैं, और मुस्लिम बेटियों के साथ घोर अन्याय कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि ट्रिपल तलाक़ न सिर्फ़ महिलाओं की चिंता का विषय है, बल्कि यह समूचे परिवार को नष्ट कर देता है। जब किसी महिला को, जिसका निकाह बहुत उम्मीदों के साथ किसी शख्स से किया गया था, ट्रिपल तलाक़ देकर वापस भेज दी जाती है, माता-पिता और भाइयों को महिला की तकलीफ से बहुत पीड़ा होती है। कुछ लोग मुस्लिम बेटियों के सिर पर ट्रिपल तलाक़ का फ़ंदा लटकाए रखना चाहते हैं, ताकि उन्हें उनका शोषण करते रहने की आज़ादी मिल सके। उन्होंने कहा िक इसी वजह से मैं जहां भी जाता हूं, मुस्लिम बहनें और बेटियां भाजपा और मोदी के साथ खड़ी दिखाई देती हैं। उन्होंने कहा िक सुप्रीम कोर्ट लगातार यूसीसी को लेकर पूछ रहा है कि कब लागू कर रहे, लेकिन कुछ लोग इसे लागू होने नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर कैसे चल पाएगा। ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? दरअसल, पीएम ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ अभियान कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं से अपने-अपने सवाल पूछ रहे थे, जिसका सीधा जवाब पीएम मोदी दे रहे थे। इस दौरान यूपी की रानी चौरसिया ने पीएम मोदी से समान नागरिक संहिता पर सवाल पूछा तो प्रधानमंत्री ने इस पर जवाब देने के साथ-साथ मुसलमानों से जुड़े तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी। कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम शिवराज िसंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र िसंह, ज्योितरािदत्य िसंिधया, वीरेंद्र खटीक और मंत्री िवश्वास सारंग सहित पार्टी के िदग्गज मौजूद थे।


-समान नागरिक संहिता का अर्थ है देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना, जो धर्म पर आधारित न हो। यूसीसी में पर्सनल लॉ या विरसे के क़ानून, गोद लेने और उत्तराधिकार से जुड़े क़ानूनों को एक समान संहिता से संचालित किए जाने की संभावना है। उत्तराखंड जैसे राज्य अपना समान कोड तैयार करने की प्रक्रिया में हैं।

  • विधि आयोग ने भी इसी माह की शुरुआत में राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से विचार मांगकर यूसीसी पर नई परामर्श प्रक्रिया शुरू की है।
  • रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि समान नागरिक संहिता भारत के संविधान के निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है और विपक्ष इसे वोट बैंक की राजनीति बताकर मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है।

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