‘ओबामा अपने बारे में भी सोचें कि उन्होंने कितने मुस्लिम देशों पर हमला किया है’

  • राजनाथ ने किया पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर पलटवार

-बराक ने भारत में अल्पसंख्यकों के दमन का लगाया था आरोप

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर उनकी भारत के मुसलमानों की सुरक्षा पर की गई टिप्पणी को लेकर पलटवार किया है। उन्होंने सोमवार (26 जून) को कहा, “ओबामा जी को ये नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व में रहने वाले सभी लोगों को भी परिवार का सदस्य मानता है। उनको अपने बारे में भी सोचना चाहिए कि उन्होंने कितने मुस्लिम देशों पर हमला किया है। राजनाथ ने जम्मू-कश्मीर में एक कार्यक्रम में कहा, “अब मुस्लिम देश भी मानते हैं कि आतंकवाद अस्वीकार्य है। भारत और अमेरिका ने संयुक्त बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन शामिल हैं.”

ओबामा ने कही थी ये बात

दरअसल, बराक ओबामा ने गुरुवार (22 जून) को न्यूज़ चैनल सीएनएन से कहा था, “अगर भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करता तो इस बात की प्रबल आशंका है कि एक समय आएगा जब देश बिखरने लगेगा। राष्ट्रपति जो बाइडेन को पीएम मोदी के सामने ये मुद्दा उठाना चाहिए। जब बराक ओबामा ने ये टिप्पणी की थी तब पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर थे। ये पीएम की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा थी।

केंद्रीय मंत्रियों ने भी की आलोचना

ओबामा के इस बयान की कई केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी नेताओं ने आलोचना की है। इससे पहले रविवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था, “ओबामा का बयान आश्चर्यजनक है क्योंकि जब वह शासन में थे तब छह मुस्लिम बहुल देशों को अमेरिकी बमबारी का सामना करना पड़ा था। “पीएम मोदी को 13 देशों ने अपने शीर्ष राजकीय सम्मान से सम्मानित किया है जिनमें से छह मुस्लिम बहुल देश हैं।

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अमेरिकी अफसर ने भी की ओबामा की आलोचना

(फोटो- ओबामा )

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के एक पूर्व आयुक्त ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को जवाब दिया है। जॉनी मूर ने कहा कि “मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति (बराक ओबामा) को भारत की आलोचना करने से ज्यादा भारत की प्रशंसा करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। भारत मानव इतिहास में सबसे विविधतापूर्ण देश है। यह एक आदर्श देश नहीं है, ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका एक आदर्श देश नहीं है, लेकिन इसकी विविधता ही इसकी ताकत है।

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