—टेंशन में सरकार, गृहमंत्री शाह ने पीएम मोदी को बताया मौजूदा हाल
—कांग्रेस ने साधा निशाना, खड़गे बोले-मणिपुर सीएम को करें बर्खास्त
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2 महीने से हिंसा जारी
24 घंटे में 12 बंकर नष्ट
135 को किया गया गिरफ्तार
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इंट्रो
मणिपुर में हालात बिगड़ रहे हैं। दो महीने से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। साेमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हालात की जानकारी दी। इधर, पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी उग्रवादियों के खिलाफ एक्शन तेज कर दिया है। सुरक्षाबलों ने पिछले 24 घंटे में हिंसा प्रभावित मणिपुर के विभिन्न जिलों में उग्रवादियों द्वारा बनाए गए 12 बंकरों को नष्ट कर दिया।
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नई दिल्ली/इंफाल। मणिपुर में सुरक्षा बलों के तलाश अभियान के दौरान 12 बंकर नष्ट कर दिए गए और मोर्टार के छह गोले जब्त किए गए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि पिछले 24 घंटे में तामेंगलोंग, इंफाल ईस्ट, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, काकचिंग और चुराचांदपुर जिलों में तलाश अभियान के दौरान बंकरों को नष्ट किया गया। पुलिस ने एक बयान में कहा, कुछ छिटपुट घटनाओं के कारण तनाव व्याप्त है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। बयान के अनुसार, तलाश अभियान के दौरान साहुमफाई में धान के एक खेत में मोर्टार के 51 एमएम के तीन तथा 84 एमएम के तीन गोले मिले और बिष्णुपुर जिले के कांगवई तथा एस. कोटलियान गांवों के पास एक आईईडी बरामद किया गया। बम निरोधक दलों ने मोर्टार और आईईडी को मौके पर ही निष्क्रिय कर दिया। पूर्वोत्तर राज्य में पिछले महीने हुई जातीय हिंसा के बाद से कुल 1,100 हथियार, 13,702 गोला-बारूद और 250 बम बरामद किए गए हैं। राज्य पुलिस ने कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए, खाली मकानों में चोरी करने और आगजनी के आरोप में 135 लोगों को गिरफ्तार किया है। मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।
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एक्शन में पुलिस
पुलिस ने कर्फ्यू उल्लंघन, घरों में चोरी, आगजनी के मामलों में 135 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि अब तक कुल 1100 हथियार, 13702 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम बरामद किए गए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में फ्लैग मार्च, घेराबंदी और तलाशी अभियान जारी है।
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विदेश से लौटकर पीएम ने जाने ‘घर के हालात’
विदेश दौरे से लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घर के हालात जाने। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को सुबह-सुबह पीएम आवास पहुंचे। मणिपुर में हिंसा के चलते हाल बेहद खराब है। शाह ने पीएम को ताजा हालात की जानकारी दी। मणिपुर में हिंसा की स्थिति को देखते हुए इंटरनेट पर बैन को 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की ये मुलाकात सर्वदलीय बैठक के बाद हुई है, जिसमें तमाम दलों ने मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार से सवाल पूछे। इस दौरान अमित शाह ने सभी को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए थे, उनके ही मार्गदर्शन में पूरा काम हो रहा है। इस बैठक में 18 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया था।
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सीएम बीरेन ने शाह से की मुलाकात
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर के इस राज्य में जातीय हिंसा की बदलती प्रकृति पर चिंता जताई है। सिंह ने नई दिल्ली में शाह को मणिपुर के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार हिंसा को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफल साबित हुई हैं। मुख्यमंत्री ने बताया, शाह ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आर के रंजन सिंह और राज्य के मंत्री सुशींद्रो मेइती के घरों पर हमले, सरकारी संपत्तियों में आगजनी एवं तोड़फोड़ तथा सुरक्षा बलों की आवाजाही को बाधित किए जाने जैसे मुद्दे उठाए।
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खड़गे बोले-मोदी की ‘मणिपुर की बात’ का इंतजार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में हिंसा के मामले को लेकर सोमवार को कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘मणिपुर की बात’ सुनने का इंतजार कर रहा है। सबसे पहले उन्हें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को उनके पद से बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से यह आग्रह भी किया कि मणिपुर में सभी पक्षों से बातचीत करके साझा राजनीतिक समाधान निकाला जाए। खड़गे ने ट्वीट किया, ऐसी ख़बर है कि आख़िरकार मणिपुर पर गृहमंत्री (अमित शाह) ने प्रधानमंत्री मोदी जी से बात की है। पिछले 55 दिनों से मोदी जी ने मणिपुर पर एक शब्द नहीं कहा। उन्होंने कहा, अगर मोदी जी सही में मणिपुर के बारे में कुछ भी सोचते हैं तो सबसे पहले अपने मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त कीजिये। उग्रवादी संगठनों व असामाजिक तत्वों के पास से हथियार ज़ब्त करें। सभी पक्षों से बातचीत शुरू करें और साझा राजनीतिक रास्ता निकाला जाए। सुरक्षा बलों की मदद से नाकेबंदी ख़त्म करें।
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मणिपुर में क्यों फैली हिंसा?
मणिपुर हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने हाल ही में एक आदेश दिया था। इस आदेश में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था। कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला था। 3 मई को इसी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई। बताया जा रहा है कि इसी दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई।
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