-तीन-तीन एजेंसियों के रडार पर हाजी सलीम
नई दिल्ली। पाकिस्तान के कराची का रहने वाला गैंगस्टर हाजी सलीम, जो दाऊद इब्राहिम का शागिर्द कहलाता है, भारत और श्रीलंका में बड़े पैमाने पर ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के माध्यम से विद्रोही संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) को फिर से जिंदा करने की फिराक में लगा हुआ है। भारतीय एजेंसियों की उस पर पैनी नजर है। मामले से परिचित एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के सक्रिय समर्थन से पाकिस्तान और हिंद महासागर में करोड़ों डॉलर्स का ड्रग्स नेटवर्क चल रहा है जिसके पीछे दाऊद इब्राहिम का दिमाग माना जाता है। एजेंसियों ने हाजी सलीम को अक्सर कराची में क्लिफ्टन रोड स्थित दाऊद के आवास पर देखा है और यह संदेह जताया है कि वे दोनों तस्करी के लिए एक-दूसरे के संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।
एनआईए ने किया 13 पर एक्शन
भारत की तीन-तीन एजेंसियां नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राजस्व और खुफिया निदेशालय (डीआरआई) सलीम के साथ-साथ इब्राहिम की डी-कंपनी के भारतीय संपर्कों की पहचान करने और उसके पूरे आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने के लिए काम कर रही हैं। पिछले सप्ताह,एनआईए ने भारत में लिट्टे के पुनरुद्धार से संबंधित जांच में 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करते हुए कहा कि श्रीलंकाई ड्रग माफिया के सदस्य सलीम से ड्रग्स मंगवा रहे थे। एजेंसी ने कहा, “आरोपी ने गुप्त व्यापार को अंजाम देने के लिए विभिन्न विदेशी व्हाट्सएप नंबरों का इस्तेमाल किया था।” एजेंसी के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर में अल-सोहेली नामक नाव का उपयोग करके 40 किलोग्राम हेरोइन और पिस्तौल की तस्करी में शुक्रवार को दायर आरोप पत्र में सलीम का नाम भी शामिल है। इस मामले में गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते ने 10 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया था।
सलीम के पुराने संपर्क
एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “भले ही डी-कंपनी के नेटवर्क को 90 के दशक के अंत में भारतीय एजेंसियों द्वारा खत्म कर दिया गया था,लेकिन यह संभव है कि उसके पुराने संपर्क सलीम के सिंडिकेट के साथ काम कर रहे हों क्योंकि अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद समुद्री और ज़मीनी रास्ते से नशीली दवाओं का व्यापार बढ़ गया है। सलीम को कराची में दाऊद के आवास पर भी देखा गया है जिसकी चौबीसों घंटे सशस्त्र गार्ड रक्षा करते हैं।”
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