—पुतिन के खिलाफ विद्रोह खत्म, बेलारूस के राष्ट्रपति ने करवाया समझौता
—-प्राइवेट आर्मी वैगनर चीफ ने लड़ाकों को दिया लौटने का आदेश
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इंट्रो
रूस में गृहयुद्ध और तख्तापलट का खतरा टल गया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाली प्राइवेट आर्मी वैगनर के प्रमुख येवगेनी वी प्रिगोझिन ने अपने लड़ाकों को वापस लौटने का आदेश दिया है। प्रिगोझिन भी रूस छोड़कर बेलारूस जाएंगे।
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मॉस्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में दो दशकों से अधिक समय के कार्यकाल को सबसे बड़ी चुनौती देते हुए ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया है। प्रीगोझिन ने अचानक क्रेमलिन के साथ समझौते के बाद निर्वासन में जाने और पीछे हटने की घोषणा कर दी। प्रीगोझिन के हालांकि रविवार सुबह तक बेलारूस पहुंचने की कोई खबर नहीं मिली। इस संक्षिप्त विद्रोह ने हालांकि रूसी सरकारी बलों के बीच कमजोरियों को उजागर कर दिया। येवगेनी प्रीगोझिन की कमान के तहत वैगनर समूह के सैनिक रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में निर्बाध रूप घुसने और मास्को की ओर सैकड़ों किलोमीटर आगे बढ़ने में सक्षम थे।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव द्वारा शनिवार को घोषित समझौते के तहत प्रीगोझिन पड़ोसी बेलारूस जाएंगे, जिसने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का समर्थन किया है। रूस ने शनिवार को कहा कि सरकार के खिलाफ बागी तेवर अपनाने वाली ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों पर कोई अभियोग नहीं चलाया जाएगा। रूस के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का ऐलान करने वाले प्रीगोझिन ने अपने लड़ाकों को रूस की राजधानी मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने लड़ाकों से अचानक रास्ता बदलने को कहा था। ‘वैग्नर’ प्रमुख ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ न बढ़ने और यूक्रेन में अपने आधार शिविरों में लौटने का आदेश दिया है, ताकि रूसी नागरिकों का खून न बहे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दशक से अधिक समय के कार्यकाल में यह उनके समक्ष पेश आई सबसे बड़ी चुनौती है। क्रेमलिन (रूस का राष्ट्रपति भवन) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शनिवार को घोषणा की कि प्रीगोझिन बेलारूस जाएंगे जिसने यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रमण का समर्थन किया था। प्रीगोझिन और उनके लड़ाको के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह भड़काने के आरोप हटा दिए जाएंगे और उनके साथ शामिल होने वाले लड़ाकों पर भी कोई मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। पेसकोव ने यह भी कहा कि ‘वैग्नर’ समूह के जिन लड़ाके ने विद्रोह में प्रीगोझिन का साथ नहीं दिया, उन्हें रक्षा मंत्रालय की ओर से अनुबंध की पेशकश की जाएगी। इससे पहले, पुतिन ने शनिवार को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम दिए संबोधन में ‘वैग्नर ग्रुप’ द्वारा सशस्त्र विद्रोह के ऐलान को ‘विश्वासघात” और ‘राजद्रोह’ करार दिया था। पेसकोव ने प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों को स्वतंत्र रूप से जाने की अनुमति देते हुए कहा कि पुतिन का ‘सबसे बड़ा मकसद’ उस ‘‘रक्तपात एवं आंतरिक टकराव से बचना है, जिसके अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं। समझौता होने के बाद प्रीगोझिन ने कहा कि वह अपने सैनिकों को मॉस्को की ओर मार्च रोकने और यूक्रेन में फील्ड शिविरों में वापस जाने का आदेश दे रहे हैं, जहां वे रूसी सैनिकों के साथ लड़ रहे हैं।
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निजी सेना में 25,000 लड़ाके
गौरतलब है कि प्रीगोझिन ने उनके लड़ाकों के मॉस्को से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर होने पर उन्हें वापस भेजने का फैसला किया था, ताकि रूसी लोगों का खून न बहे। प्रीगोझिन ने कहा था कि उनकी निजी सेना में 25,000 लड़ाके हैं और उन्होंने आत्मसमर्पण न करने का फैसला किया है, क्योंकि ‘‘हम नहीं चाहते कि देश भ्रष्टाचार, छल और नौकरशाही के साये में रहे। सोशल मैसेजिंग ऐप ‘टेलीग्राम’ पर जारी एक ऑडियो संदेश में प्रीगोझिन ने कहा था, राष्ट्रपति का मातृभूमि से विश्वासघात का आरोप लगाना गलत है।
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बाइडन ने भी हालात पर बात की
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को रूस के हालात पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां, जर्मन के चांसलर ओलाफ शोल्ज और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से बात की। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, चारों नेताओं ने बातचीत के दौरान यूक्रेन के लिए अपने ‘अटूट’ समर्थन की पुष्टि की। हालांकि, व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी किसी भी ऐसी टिप्पणी से बचना चाहते थे जिसका गलत अर्थ निकाला जा सके कि अमेरिका आंतरिक संघर्ष में किसी का पक्ष ले रहा है।
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रूस ने किया था आगाह
रूस के विदेश मंत्रालय ने भी शनिवार को पश्चिमी देशों को प्रीगोझिन के नेतृत्व वाले विद्रोह का फायदा उठाने की कोशिश करने को लेकर आगाह किया था। मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा था, हम पश्चिमी देशों को अपने रूस विरोधी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए रूस की आंतरिक स्थिति का फायदा उठाने को लेकर आगाह करते हैं। यूक्रेन को उम्मीद है रूस की अंदरूनी लड़ाई से उसकी सेना को अपने उन क्षेत्रों को वापस हासिल करने का अवसर मिलेगा जिन पर रूस की सेना ने कब्जा कर लिया है।
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बेलारूस के राष्ट्रपति का अहम रोल
प्राइवेट आर्मी के पीछे हटने में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का अहम रोल रहा है। लुकाशेंको ने शनिवार देर रात कहा कि मैंने वैगनर प्रिगोझिन और रूस के बीच समझौता कराया है। इसके बाद वैगनर ग्रुप ने अपने सैनिकों को पीछे हटने को कहा है, ताकि खून खराबा रोका जा सके।
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वैगनर ग्रुप क्यों कर रहा था विद्रोह
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस और प्राइवेट आर्मी वैगनर के बीच तल्खी यूक्रेन के बाखमुत में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल अटैक के बाद शुरू हुई। इस हमलें में कई वैगनर लड़ाके मारे गए थे। प्रिगोजिन ने क्रेमलिन को इसका दोषी बताया था। ये हमला कब हुआ था, हालांकि इसकी जानकारी नहीं दी गई।
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