पांच अधिकारियों का तबादले से गहराया संदेह, अफसरों की गलती से हुआ ओडिशा रेल हादसा

  • हादसे के बाद 20 दिन बाद रेलवे बोर्ड ने किया ट्रांसफर

नई दिल्ली। ओडिशा में हुए तीन दशकों के सबसे भीषण रेल हादसे के बाद 20 दिन बाद रेलवे बोर्ड ने यहां से पांच लोगों का ट्रांसफर किया है। इनमें दक्षिण पूर्वी रेलवे के डीआरएम का ट्रांसफर भी शामिल है। रेलवे के एक पूर्व अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रेलवे दुर्घटना का कारण तोड़फोड़ का संकेत दे रहा है। हालांकि उसी डिवीजन के अन्य अधिकारियों के साथ डीआरएम का स्थानांतरण संदेह पैदा करता है कि रेलवे कर्मचारियों की गलती थी। इसकी पुष्टि अंतरिम रिपोर्ट से हो सकती है। हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि इन सभी तबादलों का दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये नियमित तबादले हैं। सीआरएस की अंतरिम रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट से पहले रिपोर्ट रेलवे को नहीं सौंपी जा सकती है। हालांकि, रेलवे के पूर्व अधिकारियों ने इससे इनकार किया था। उन्होंने कहा कि सीआरएस रिपोर्ट अलग से होनी चाहिए। रेल बोर्ड के एक पूर्व सदस्य ने बताया कि सीबीआई और सीआरएस को इन निष्कर्षों पर एक अलग रिपोर्ट जारी करनी चाहिए।

2 जून की घटना

बता दें कि बालासोर दक्षिण पूर्वी रेलवे (एसईआर) के ही तहत आता है। गौरतलब है कि दो जून की शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर के बहानागा बाजार स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। जिसके बाद इसके कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए थे और फिर यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए थे। इस हादसे में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1,100 से अधिक घायल हो गए थे। हादसे की एक साथ दो जांच चल रही है। इसमें से एक एक रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा और दूसरी जांच सीबीआई कर रही है।

इनका हुआ तबादला

एसईआर के पांच तबादला आदेशों में मोहम्मद शुजात हाशमी, डीआरएम खड़गपुर, प्रिंसिपल चीफ सुरक्षा अधिकारी (पीसीएसओ) चंदन अधिकारी, पीएम सिकदर, प्रिंसिपल चीफ सिग्नल और दूरसंचार अभियंता शामिल हैं। एक डीआरएम अपने डिवीजन में सभी ट्रेन सेवाओं का प्रभारी होता है। इस बीच खड़गपुर डीआरएम सहित पांच अधिकारियों के तबादले ने एक्सपर्ट्स के बीच संदेह पैदा कर दिया है कि क्या मामले में रेलवे कर्मचारी भी दोषी हैं?

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