-जैन समाज, क्रिकेटर कपिल देव ने की थी जमकर आलोचना
गाय, भेड़-बकरियों को मारने के लिए किया जाता निर्यात
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारी विरोध के बाद पशुधन और पशुधन उत्पाद (आयात और निर्यात) विधेयक-2023 के मसौदे को वापस ले लिया है। इसी महीने की 7 तारीख को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने ड्राफ्ट बिल को पब्लिक डोमेन में रखा था और उस पर सार्वजनिक टिप्पणी/सुझाव मांगे थे। सरकार ने लाइवस्टॉक इम्पोर्टेशन एक्ट 1898 में बदलाव करते हुए लाइवस्टॉक प्रोडक्ट एण्ड लाइवस्टॉक इम्पोर्टेशन एण्ड एक्सपेटेशन बिल 2023 का ड्राफ्ट पतैयार किया था। प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों की तीखी आलोचना हुई थी। आलोचना का सामना कर रहे मंत्रालय ने कार्यालय ज्ञापन जारी कर विधेयक के मसौदे को वापस लेने का फैसला किया है। ड्राफ्ट वापसी से जुड़े आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि संशोधन विधेयक के परामर्श के दौरान यह आवश्यकता महसूस की गई कि अभी इस पर पर्याप्त समय देने और चर्चा करने की जरूरत है।
इसके अलावा प्रस्तावित ड्राफ्ट बिल में पशु कल्याण और पशु संवेदनशीलता के संबंधित पहलुओं को भी शामिल करने की मांग की गई है। मंत्रालय के अनुसार इसमें व्यापक परामर्श और समय की जरूरत है। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं, दक्षिणपंथी समूहों और जैन धर्मगुरुओं ने इस बिल पर कड़ी आपत्ति जताई थी, और अलग-अलग कारणों से इसे वापस लेने की मांग की थी।
कपिल का वीडियो
देशभर में जैन समाज, अहिंसा एवं शाकाहार में विश्वास रखने वाले अन्य समुदाय इस बिल का विरोध कर रहा था और उसे रोकने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री एवं संबंधित मंत्रालय के नाम ईमेल एवं स्थानीय प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन भेज रहा था। क्रिकेट स्टार कपिल देव ने भी इस बिल के खिलाफ एक वीडियो जारी करते हुए कहा था, “इस बिल से मैं बहुत दुखी हूं। अब कुत्ते-बिल्लियों को लाइव स्टॉक में शामिल कर उन्हें निर्यात किया जाएगा। उन्हें मार सकते हैं। इस तरह का कोई भी बिल ऐसे-कैसे पास हो सकता है?”
जीवित पशुओं का निर्यात
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, भारत ने 2022-23 में 5.11 मिलियन डॉलर के मूल्य के जीवित पशुओं का निर्यात किया है, जिनमें से अधिकांश भेड़ और बकरियां थीं। बता दें कि ड्राफ्ट बिल में पशुधन के लिए कमॉडिटी शब्द का प्रयोग किया गया था। इसके दायरे में घोड़े, गधे, खच्चर, सभी गोवंशीय पशुओं को शामिल किया गया था। प्रस्तावित पशुधन और पशुधन उत्पाद (आयात और निर्यात) विधेयक, से भारत में जिंदा पशुओं के निर्यात की परमिशन की बात कही गई थी।
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