जनता का विश्वास राजनेताओं से उठ रहा, राजनीति में विश्वसनीयता का संकट

  • रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा

लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नेता हर बात के लिए हां कह रहे हैं। यहां तक कि उन चीजों के लिए भी जो वे नहीं कर सकते हैं। इससे जनता का राजनेताओं पर से विश्वास उठ रहा है और भारत की राजनीति में विश्वसनीयता का संकट पैदा हो रहा है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय लखनऊ दौरे पर हैं। रविवार को राजनाथ सिंह ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सिविल सेवा अभ्यर्थियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आईएएस अधिकारियों को बिना अहंकार के काम करने की नसीहत दी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि आम तौर पर जनता में यह धारणा है कि ब्यूरोक्रेट्स उस तरह से जनता के साथ पेश नहीं आते, जिस तरह से उन्हें पेश आना चाहिए। जिस दिन इस देश का नेता ‘न’ कहना और ब्यूरोक्रेसी ‘हां’ कहना सीख जाएगी, उस दिन देश का कल्याण हो जाएगा। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि आईएएस होने का अहंकार मन में नहीं आना चाहिए। अहंकार से वह अपने कद को छोटा करता है। इस बात को मैं इसलिए कह रहा हूं कि क्योंकि राजनीतिक क्षेत्र में कोई ऐसा पद नहीं बचा है। जो हमने हासिल नहीं किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को छोड़कर ये बात कर रहा है। क्यों कि इन पदों पर कोई एक होगा। जो बनता है, वह हमारे लिए आदर्श है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति व्यक्ति नहीं संस्था होते हैं।

ब्यूरोक्रेट्स जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्य करें

रक्षामंत्री ने कहा, “छात्र जीवन से ही राजनीति का कीड़ा कुरेदता था। 23 साल की उम्र में जेल गया, वह इमरजेंसी का दौर था। ब्यूरोक्रेट्स को पद पर रहते हुए इस बात का भी ध्यान रखना है कि आप किसी जनप्रतिनिधि द्वारा सुझाए गए किसी भी अच्छी बात को ध्यान से सुने और यदि उचित हो तो उसे अमल में भी लाएं। अपनी जनता से संबंधित मुद्दों को तो जनप्रतिनिधि आपके सामने उठाएगा ही। इसलिए ब्यूरोक्रेट्स को अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्य करना होगा।”

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