बृजभूषण के खिलाफ पॉस्को हटा, 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल

—दिल्ली पुलिस ने दी पॉक्सो हटाने की अर्जी, बृजभूषण पर अब तीन धाराओं में केस

इंट्रो

पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिल गई। दिल्ली पुलिस ने नाबालिग के यौन शोषण के आरोपों पर बृजभूषण को क्लीन चिट दे दी है। गुरुवार को पुलिस द्वारा कोर्ट में 1 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई। पुलिस ने नाबालिग पहलवान से यौन शोषण के आरोप को खारिज करने की कोर्ट में अर्जी दी है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक नाबालिग पहलवान के आरोप पर कोई सबूत नहीं मिले हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न तथा पीछा करने के अपराधों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ बृहस्पतिवार को आरोपपत्र दाखिल किया। पुलिस ने एक नाबालिग पहलवान द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को रद्द करने की सिफारिश करते हुए कहा कि ‘कोई पुख्ता सबूत नहीं’ मिले। सरकार ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी सुमन नालवा ने एक बयान में बताया कि पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में शिकायतकर्ता यानी नाबालिग के पिता तथा स्वयं लड़की के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करने वाली रिपोर्ट दाखिल की गई। पटियाला हाउस अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने कहा कि मामले को रद्द करने की रिपोर्ट पर चार जुलाई को विचार किया जाएगा। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम में न्यूनतम तीन वर्ष कारावास की सजा है। हालांकि, यह उस धारा पर निर्भर करता है जिसके तहत अपराध आ रहा हो। महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज एक अन्य मामले में राउज एवेन्यू अदालत में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक कुमार ने आरोपपत्र पर विचार करने के लिए 22 जून की तारीख तय की। विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत के बाहर बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354डी (पीछा करना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। सूत्रों ने बताया कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तनाम प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग करने वाले पहलवान आरोपपत्र दाखिल होने के बाद अपने अगले कदम पर विचार कर रहे हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ के एक निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (यदि कोई किसी को अपराध के लिए उकसाता है, यदि उकसाव के कृत्य को अंजाम दिया गया, और जहां इसके के लिए दंड कोई स्पष्ट प्रावधान न हो), 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। प्रदर्शन कर रहे पहलवान सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जिन पर उन्होंने एक नाबालिग सहित महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया है।

खेल मंत्री से मिले थे पहलवान

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सात जून को ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से मुलाकात की थी और पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में आरोपपत्र 15 जून तक दाखिल कर दिया जाएगा। विशेष जांच दल ने 180 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। यह दल गोंडा में सिंह के आवास पर गया जहां उसने निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के रिश्तेदारों, सहयोगियों, घरेलू सहायकों और उनके सहयोगियों के बयान दर्ज किए। जांचकर्ता एक महिला पहलवान को नयी दिल्ली में सिंह के आधिकारिक आवास पर भी ले गए ताकि उस घटनाक्रम का नाट्य रूपांतरण किया जा सके जो कथित अपराध का कारण बना।

तीन धाराओं पर चलेगा केस

354ए: सेक्सुअल हैरासमेंट (3 साल तक की सजा और जुर्माना, ये जमानती धारा है)

354: महिला की मर्यादा को ठेस पहुंचा (1 से 5 साल तक की सजा और जुर्माना, ये गैर-जमानती धारा है?

354डी: पीछा करना (3 से 5 साल तक की सजा, ये जमानती धारा है)

पीड़ितों के साथ सिर्फ सात गवाह

चार्जशीट में पुलिस ने आगे कहा कि दो दर्जन गवाहों में से लगभग सात ने पीड़ितों के दावों का समर्थन किया है, बाकी आरोपियों के पक्ष में बोले हैं। वे ट्रायल के दौरान क्रॉस एक्जामिनेशन के अधीन होंगे। दूसरे देशों के कुश्ती महासंघों से डिजिटल साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस एक पूरक आरोपपत्र दायर करेगी। पुलिस ने आरोपी और पीड़िता का पिछले दस साल का सीडीआर मांगा है। यह एक बड़ा दस्तावेज है।

पॉस्को केस वापसी के लिए अर्जी दाखिल

दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पीड़िता के बयान बदलने और यौन शोषण के आरोपों को वापस लेने के बाद पोस्को केस की रिपोर्ट पटियाला हाउस कोर्ट में फाइल की थी, साथ ही पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में पॉस्को केस वापस लेने की अर्ज़ी दाखिल करते हुए कहा कि नाबालिग पहलवान के आरोप के सबूत नही मिले हैं। पटियाला हाउस कोर्ट 4 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई करेगा।

00000

प्रातिक्रिया दे