-मणिपुर में फिर भड़की हिंसा
-बुधवार को गई थी नौ लोगों की जान, मंत्री का घर भी जलाया था आतातायियों ने
(फोटो : हिंसा)
इंफाल। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को एक बार फिर आगजनी और गोलीबारी की खबरें आईं। इंफाल पूर्व के चेकोन इलाके में एक घर को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत की खबर नहीं है। एक महिला के घायल को हल्की चोटें आने की खबर है। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है। सेना के जवान घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। इस दौरान भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। स्थानीय लोगों को सेना और आरएएफ के जवानों के साथ बहस करते देखा गया। एक अधिकारी ने बताया कि घटना दोपहर करीब एक बजे की है। उपद्रवियों ने इंफाल पूर्व के चेकोन में एक घर पर आग लगा दी। यह क्षेत्र कॉन्वेंट इंग्लिश स्कूल के बगल में स्थित है और केंद्रीय सशस्त्र बलों के उच्च सुरक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद आरएएफ पर भीड़ ने पत्थर भी बरसाए। इससे पहले कुछ उपद्रवियों ने बुधवार को इंफाल पश्चिम के लाम्फेल क्षेत्र में एक मंत्री के घर को आग लगा दी थी। नेमचा किपगेन भाजपा और राज्य सरकार में मंत्री हैं। बुधवार को ही खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध उपद्रवियों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हो गए थे।
इंटरनेट प्रतिबंध 20 तक बढ़ाया
हिंसाग्रस्त मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक की अवधि बढ़ा दी गई है। मणिपुर में इंटरनेट बैन पांच दिन और हो गया है। ब्रॉडबैंड सहित इंटरनेट निलंबन को मणिपुर में 20 जून तक बढ़ा दिया गया है। शांति बहाली के लिए भारतीय सेना और असम राइफल्स लगातार तलाशी अभियान चला रही है।
एक महीने से हालात खराब
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच करीब एक महीने पहले भड़की हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हो चुकी है और 310 अन्य घायल हुए हैं। बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली झड़प तीन मई को हुई थी।
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मूकदर्शक बने हुए हैं पीएम मोदी : खड़गे
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में हो रही हत्याओं के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पूरे प्रकरण में पीएम मोदी मूकदर्शक बने हुए हैं। मोदी जी को मणिपुर पर बैठक की अध्यक्षता करने का भी समय नहीं मिला है। अब समय आ गया है कि मोदी सरकार मणिपुर के लोगों पर किए गए उनके अपराधों की जिम्मेदारी ले और जवाबदेह बने। खड़गे ने कहा, ‘मणिपुर में मानवता की आवाज डूब गई है। मोदी सरकार पूर्वोत्तर भारत को लेकर बेशर्मी से ढोल पीटती है।”
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