एनएच-44 पर तंबू गाड़ा, प्रचंड गर्मी लू के बीच डटे हैं 20 घंटों से

-अपनी मांगों को लेकरआर-पार के मूड में 3 राज्यों के किसान

(फोटो : किसान)

नई दिल्ली। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के प्रदर्शनकारी किसान पिछले 20 घंटों से ज्यादा समय से नेशनल हाईवे-44 को जाम किए हुए हैं। किसानों ने एनएच पर ही अब तंबू गाड़ दिया है। तपती दोपहरी और प्रचंड गर्मी में हजारों किसान वहां डटे हुए हैं। ये किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सूरजमुखी के बीज की खरीद और गिरफ्तार किसान नेताओं को रिहा करने समेत अन्य मांग कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन से देश की जीवन रेखा चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर वाहनों का आना-जाना बाधित हुआ है।

तीन राज्यों के प्रदर्शनकारी किसान सोमवार दोपहर 2 बजे से ही राजमार्ग-44 पर डेरा डाले हुए हैं। इस बीच किसानों से बातचीत विफल रही है। कुरुक्षेत्र जिला प्रशासन ने स्थानीय किसानों की एक समिति के साथ कई दौर की बातचीत की, लेकिन उस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। यहां तक कि भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चरूनी से जिला जेल में अधिकारियों ने भी मुलाकात की और उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि जब तक खरीद शुरू नहीं हो जाती तब तक नाकाबंदी जारी रहेगी।

40 किसान संगठन हैं एकजुट

किसान नेता करम सिंह मथन ने देर रात हुई बैठक में किसान नेताओं से कहा था कि वे धरना स्थल पर किसानों की भीड़ बढ़ाएं, ताकि आंदोलन अगले कुछ दिनों तक जारी रह सके। ऐसी भी खबरें हैं कि संयुक्त किसान मोर्चा (देश के लगभग 40 किसान संघों का एक संगठन) स्थानीय समिति से इस विरोध-प्रदर्शन को अपने हाथ में लेकर उसे नई ताकत दे सकता है क्योंकि राकेश टिकैती, सुरेश कोठ, अभिमन्यु कोहर और रवि आज़ाद सहित कई एसकेएम नेता भी पीपली में सोमवार से ही डेरा डाले हुए हैं।

लाठीचार्ज से नाराज

बता दें कि सूरजमुखी बीज पर एमएसपी लागू करने की मांग को लेकर 6 जून को हाई-वे जाम करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल से नाराज किसानों ने किसान महापंचायत बुलाई थी। पिपली अनाज मंडी में सोमवार को हजारों किसानों ने महापंचायत कर एनएच 44 को जाम करने का फैसला किया था। इसके बाद ट्रैक्टर-ट्रालियों पर सवार हजारों किसान राजमार्ग पर पहुंच गए और अपने वाहनों को खड़ा कर यातायात को बाधित कर दिया।

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