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रायपुर। राशन पाने के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए गरियाबंद के आदिवासी इलाकों में रहने वालों को 40 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ रहा है। हालत यह है कि आदिवासी वनांचल मैनपुर विकासखंड के 30-40 किलोमीटर दूर से रोजाना ई -केवाईसी और राशन कार्ड से आधार को जुड़वाने 43 डिग्री की भीषण गर्मी में छोटे-छोटे बच्चों, बड़े बुजुर्गों को लेकर ग्रामीण मोटर साइकिल, पिकअप, ट्रैक्टर, जीप व अन्य वाहनों के माध्यम से मैनपुर च्वाॅइस सेंटरों में पहुंच रहे हैं।
जानकारी के अनुसार ई -केवाईसी करवाने में सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना 5 साल से कम उम्र के बच्चों के सामने आ रही है, क्योंकि बच्चों के अंगूठे का फिंगर निशान मशीन में नहीं बता पा रहा है। यही नहीं, ऐसे बुजुर्ग जिनके हाथों की लकीरें घिस गई है। उनके सामने ई-केवाईसी में दिक्कतें आ रही है, हालांकि खाद्य अधिकारियों के द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है, अगर केवाईसी नहीं हो पा रही है तो भी किसी को भी राशन देने से इंकार नहीं करना है। सभी हितग्राहियों को राशन वितरण करना है, जिनके अंगूठे के निशान नहीं मैच हो पा रहे हैं, उनके लिए अलग से कोई व्यवस्था की जाएगी।
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ई-केवाईसी अनिवार्य
राशन दुकानों पर उपभोक्ताओं के लिए ई-केवाईसी सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बाद राशनकार्ड धारक परिवारों के सदस्य ई-केवायसी का सत्यापन कराने पीडीएस दुकानों पर पहुंच रहे हैं। गरियाबंद जिले के सिर्फ आदिवासी विकासखंड मैनपुर क्षेत्र में राशन कार्ड धारक सदस्यों की संख्या एक लाख 30 हजार 776 हैं, ऐसे में सभी सदस्यों को ई- केवाईसी के लिए पीडीएस दुकानों में पहुंचना होगा, तभी सत्यापन का काम पूर्ण होगा। खाद्य अधिकारी आरती यादव ने बताया कि राशनकार्डधारक सभी सदस्यों का ई-केवाईसी सत्यापन किया जा रहा है। ई-पॉश मशीन में आधारकार्ड नंबर और सदस्यों के अंगूठे का निशान लिए जा रहे हैं।
सुबह 6 बसे से लगती है लाइन
यहां के चॉइस सेंटर में भीड़ सुबह 6 बजे से लगना शुरू होती है, जो देर रात 11 से 12 बजे तक देखने को मिल रही है। इस भीषण गर्मी में दूरस्थ वनांचल के बच्चे, बड़े बुजुर्ग ई – केवाईसी करवाने के लिए परिवार वालों के साथ नगर में भटकते देखे जा सकते हैं। वहीं, च्वाॅइस सेंटर के पास सैकड़ों ग्रामीणों के बैठने के लिए भी व्यवस्था नहीं हो पाती, ऐसे में यहां ग्रामीणों की भीड़ किसी पेड़ के नीचे या किसी दुकान के सामने बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते देखे जा सकते हैं। च्वाॅइस सेंटर के संचालकों ने बताया की प्रतिदिन उनके द्वारा 70 से 75 लोगों का ही ई -केवाईसी किया जा सकता है, लोगों की भीड़ अधिक रहती है।
केस नंबर 1
दो बच्चों को साथ 35 किमी का सफर
भुवन मरकाम अपने परिवार के दो बच्चों का आधार कार्ड और राशन कार्ड को केवाईसी करवाने पहुंचे। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर कुचेंगा के आश्रित ग्राम मोतीपानी के ग्रामीण भुवन मरकाम और राधिका मरकाम ने बताया कि सुबह 08 बजे से मैनपुर पहुंचे हैं। अभी 3 बजे तक च्वाॅइस सेंटर में नंबर नहीं लगा है। कब राशन कार्ड में केवाईसी होगा, कहा नहीं जा सकता।
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केस नंबर 02
रात 10 बजे हुआ काम
40 किलोमीटर दूर गौरगांव के आश्रित ग्राम झोलाराव से पहुंचे दुर्गेश नेताम, पनकुराम, दिनेश कुमार, मगतीन बाई, दशरी बाई, लैबानो राम ने बताया कि शनिवार सुबह 11 बजे गांव से पिकअप किराया कर पहुंचे थे। रात 10 बजे उनका केवाईसी हुआ, तब वह गांव लौट रहे हैं।
केस नंबर 03
देर रात तक होने की उम्मीद
मैनपुर से 23 किलोमीटर दूर ग्राम अडगडी से पहुंचे पालिशराम, नरसिंह ने बताया कि छोटे छोटे बच्चों को लेकर ई-केवाईसी करवाने सुबह से पहुंचे हैं। अभी शाम 07 बजे तक ई-केवाईसी नहीं हो पाया है, देर रात तक होने की उम्मीद है।
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