छत्तीसगढ़ में जून के आखिरी हफ्ते में पहुंचने का अनुमान
नई दिल्ली/रायपुर। इस साल अरब सागर में आया पहला चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ तेजी से गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। इससे केरल में मानसून की ‘धीमी’ शुरुआत होने और इसके दक्षिणी प्रायद्वीप के आगे ‘कमजोर’ प्रगति करने का पूर्वानुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार सुबह कहा कि केरल में दो दिन के भीतर मानसून शुरू होने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। हालांकि, मौसम विज्ञानियों का कहना है कि चक्रवाती तूफान मानसून की तीव्रता को प्रभावित कर रहा है। केरल के ऊपर इसकी शुरुआत ‘हल्की’ रहेगी।
मौसम विभाग के अनुसार, इसके उत्तर की ओर बढ़ने और एक बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार हैं। इसके बाद अगले तीन दिन में यह उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा। हालांकि, आईएमडी ने अभी तक भारत, ओमान, ईरान और पाकिस्तान सहित अरब सागर से सटे देशों पर इसके किसी बड़े प्रभाव को लेकर कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया है। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसियों ने कहा कि तूफान पहले के आकलन को धता बताते हुए केवल 48 घंटे में एक चक्रवात से गंभीर चक्रवाती तूफान बनने की दिशा में बढ़ रहा है। पर्यावरण संबंधी स्थितियों से संकेत मिलता है कि 12 जून तक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रुख रह सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती तूफान तीव्र हो रहे हैं और जलवायु परिवर्तन के कारण ये लंबे समय तक काफी सक्रिय बने रह सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार अरब सागर में चक्रवाती तूफानों की तीव्रता मानसून के बाद के मौसम में करीब 20 प्रतिशत और मानसून से पहले की अवधि में 40 प्रतिशत बढ़ी है। अध्ययन का शीर्षक है, उत्तर हिंद महासागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की बदलती स्थिति। अरब सागर में चक्रवाती तूफानों की संख्या में 52 प्रतिशत वृद्धि हुई है, वहीं बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान 150 प्रतिशत बढ़े हैं।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान में जलवायु विज्ञानी रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कहा, अरब सागर में चक्रवाती गतिविधि बढ़ने का महासागरों के तापमान बढ़ने और वैश्विक तापमान वृद्धि के चलते नमी की बढ़ती उपलब्धता से गहरा संबंध है। अरब सागर ठंडा होता था, लेकिन अब यह गर्म है। दक्षिण पश्चिमी मानसून सामान्य तौर पर एक जून को केरल में आता है। इसमें करीब सात दिन कम या ज्यादा हो सकते हैं। आईएमडी ने मई के मध्य में कहा था कि मानसून चार जून तक केरल पहुंच सकता है।
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पांच दिनों तक इन राज्यों में हल्की बारिश
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले पांच दिनों के दौरान केरल, लक्षद्वीप, तटीय और दक्षिण इंटीरियर कर्नाटक, नॉर्थ इंटीरियर कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होगी। नौ जून तक अंडमान और निकोबार द्वीप, केरल में सात से 11 जून, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में 9 से 11 जून, कर्नाटक में 10 और 11 जून को भारी बरसात होने जा रही है।
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निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है। इस दौरान, हल्की बारिश होने ही संभावना है। उसने कहा, अरब सागर में ऐसी शक्तिशाली मौसम प्रणालियां अंदरूनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। चक्रवात के प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में धीमी गति से पहुंच सकता है, लेकिन इसे पश्चिम घाटों से आगे जाने में संघर्ष करना पड़ेगा।
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छग में जून के आखिरी हफ्ते में पहुंचेगा मानूसन
मौसम विभाग के अनुसार केरल में मानसून सक्रिय होने के 16 दिन बाद सामान्य परिस्थिति में छत्तीसगढ़ पहुंचता है। ऐसे में इस साल 25 जून के आसपास छत्तीसगढ़ में मानसून दस्तक दे सकता है। ऐसे में मानसून अपने निर्धारित समय से 10 दिन देरी से पहुंच रहा है। फिलहाल बुधवार को रायपुर समेत कुछ इलाकों में बादल छाए रहे और हल्की बारिश हुई।
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