पवार ने पहले छोड़ा पावर फिर मान-मनौव्वल के बाद कहा- दो तीन दिन में लूंगा फैसला

कौन होगा राकांपा का नया मुखिया? सुप्रिया सुले या अजित पवार

एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ा, कार्यकर्ता मानने तैयार नहीं

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के सियासी गलियारे में आज राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के अध्‍यक्ष पद छोड़ने के ऐलान के बाद से हलचल मची हुई है। पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी नेता और उनके भतीजे अजित पवार ने उनसे चर्चा की। अजित ने कहा कि शरद पवार अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार हो गए हैं। उन्‍होंने इसके लिए दो-तीन दिन का वक्‍त मांगा है। शरद पवार ने यशवंतराव चव्‍हाण प्रतिष्‍ठान में अपनी आत्‍मकथा के विमोचन के अवसर पर अध्‍यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया था।

इस्तीफे का ऐलान के बाद पवार ने कहा, मैंने राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्‍यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। इसके साथ ही पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के नाम के लिए एक पैनल का गठन कर लिया है। पवार के इस्तीफे के बाद राकांपा का अध्यक्ष कौन होगा इसके कयास लगाए जाने लगे हैं। बता दें कि विपक्षी दलों की एकता का दारोमदार पवार पर ही था, ऐसे में उनका राकांपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से विपक्षी दल भी हैरान हैं।

इसलिए एक कदम पीछे लेना जरूरी : शरद पवार

पवार ने कहा कि उनकी राजनीतिक यात्रा एक मई, 1960 को शुरू हुई थी और पिछले 63 वर्ष से अनवरत जारी है। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में उन्होंने विभिन्न ओहदों पर रहते हुए महाराष्ट्र और देश की सेवा की है। मेरी राज्यसभा की सदस्यता का तीन वर्ष का कार्यकाल शेष है।एक मई, 1960 से एक मई, 2023 की लंबी अवधि में एक कदम पीछे लेना जरूरी है। इसलिए, मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। इस दौरान मैं बिना किसी पद के महाराष्ट्र और देश के मुद्दों पर ध्यान दूंगा।

पवार ने आत्मकथा में किया बड़ा खुलासा

शरद पवार ने अपनी किताब में लिखा है कि बीजेपी शिवसेना को खत्म करना चाहती थी वही उनकी रणनीति थी। विपक्ष ने बीजेपी और शिवसेना के कमजोर रिश्ते और आपसी अविश्वास का फायदा उठाया।अमित शाह और पीएम मोदी को बाद में शिवसेना के प्रति सहानुभूति नहीं रही ये उनके बयानों से और बॉडी लैंग्वेज से समझ आता था।

पवार पार्टी की समिति का निर्णय मानेंगे : अजित

वरिष्ठ पार्टी नेता अजित पवार ने कहा कि शरद पवार अपने इस्तीफे पर पार्टी की समिति के निर्णय को मानेंगे। शरद पवार ने उनके इस्तीफे का विरोध कर रहे भावुक कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘मैं आपके साथ हूं, लेकिन राकांपा अध्यक्ष के रूप में नहीं।

पवार ने की समिति की घोषणा

शरद पवार ने शीर्ष नेताओं की एक समिति की घोषणा की जिसमें प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, के.के. शर्मा, पी.सी. चाको, अजीत पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से-पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे और जयदेव गायकवाड़ शामिल हैं।

समिति नए अध्यक्ष का निर्णय लेगी

इसके अलावा समिति के अन्य सदस्यों में एनसीपी की महिला कांग्रेस अध्यक्ष फौजिया खान, राकांपा युवा कांग्रेस अध्यक्ष धीरज शर्मा राकांपा छात्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया दूहन शामिल हैं। ये समिति ही अब नए पार्टी अध्यक्ष के चयन पर फैसला करेगी। सुप्रिया सुले ने आज कुछ कार्यकर्ताओ की शरद पवार से फोन पर बात कराई। उन कार्यकर्ताओ ने पवार से इस्तीफा वापिस लेने की अपील की।

पाटिल और चव्हाण की आंखों से निकले आंसू

राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र चव्हाण अपने वरिष्ठ नेता की घोषणा के बाद रो पड़े, वहीं पार्टी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने हाथ जोड़कर पवार से उनका फैसला वापस लेने की विनती की। पटेल ने कहा कि पवार ने अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले किसी को विश्वास में नहीं लिया।

पवार ने किया अपनी आत्मकथा का विमोचन

बता दें कि 82 वर्षीय शरद पवार ने अपनी आत्मकथा ‘लोक मझे संगति- पॉलिटिकल ऑटोबायोग्राफी’ के विमोचन के दौरान संन्यास की घोषणा की है। अहम घोषणा करते हुए पवार ने कहा, यह पार्टी संगठन के विकास के लिए, पार्टी की विचारधारा और लक्ष्यों को लोगों तक ले जाने के लिए और लोगों की सेवा करने के लिए, जैसा वे उचित समझे, प्रयास करना जारी रखेंगे। भले ही मैं अध्यक्ष पद से हट रहा हूं, लेकिन मैं सार्वजनिक जीवन से सेवानिवृत्त नहीं हो रहा हूं।

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