—सड़क पर पहलवान, आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पहलवानों को धमकाने के आरोपों के साथ पहलवानों का धरना जंतर मंतर पर पांचवे दिन भी जारी रहा। कई संगठनों ने धरनास्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होनी है। इस बीच, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा के बयान ने खलबली मचा दी है। प्रदर्शनकारी पहलवानों पर बरसते हुए पीटी उषा ने गुरुवार को कहा कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है। उषा ने आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, पहलवानों का सड़क पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। इससे भारत की छवि खराब हो रही है। आईओए ने कुश्ती महासंघ के कामकाज के संचालन के लिये चुनाव होने तक एक तदर्थ समिति का गठन किया है जिसमें पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, भारतीय वुशू संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत न्यायाधीश हैं जिनका नाम अभी तय नहीं हुआ है।
–
महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने गुरुवार को कहा कि महिला पहलवानों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत पर उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। रेखा शर्मा ने कहा, हम मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं। हमने दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखा है और उनसे कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। हमने उनसे यह भी पूछा है कि उन्होंने प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की।
—
केंद्रीय मंत्री बोले-खेल और खिलाड़ी हमारी प्राथमिकता
इधर, युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार के लिए खेल और खिलाड़ी हमेशा प्राथमिकता रहें हैं। उन्होंने ना कभी खिलाड़ियों की सुविधाओं के साथ समझौता किया है और ना कभी करेंगे। ठाकुर ने शिमला में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सवालों के जवाब देते हुए कहा, सरकार बहुत स्पष्ट है, मोदी सरकार सदा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। हम खिलाड़ियों के साथ खड़े थे, खिलाड़ियों को सुविधाएं दी और उन्हें बढ़ावा देने का काम किया। हमारे लिए खेल और खिलाड़ी प्राथमिकता हैं। उसके लिए हम कहीं पर भी कोई भी समझौता नहीं करते। ना आज तक किया है और ना आगे करेंगे।
000

