रेलवे बोर्ड का बड़ा फैसला, अब नौ घंटे से ज्यादा ट्रेन नहीं चलाएंगे ड्राइवर

सिंगपुर में मालगाड़ियों की टक्कर के बाद रेलवे बोर्ड ने दिया सभी जोन मुख्यालय को आदेश

हरिभूमि न्यूज, बिलासपुर। 19 अप्रैल को सिंगपुर की घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने एक बड़ा फैसला लेते हुए ट्रेन के चालक और परिचालक सहित गार्ड की ड्यूटी नौ घंटे से अधिक नहीं कराए जाने का निर्देश दिया है। घटना के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने पत्र सभी जोन मुख्यालय को भेज दिया है, ताकि दोबारा घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।

एक सप्ताह पहले बिलासपुर रेल मंडल के शहडोल स्टेशन से पहले सिंगपुर में कोयला लोडेड मालगाड़ी के चालक ने अप लाइन पर खड़ी दूसरी कोयला लोडेड मालगाड़ी को टक्कर मार दी थी। बिलासपुर से शहडोल की ओर कोयला लेकर जाने वाली मालगाड़ी के चालक विनोद कुमार को अचानक झपकी लगी और गाड़ी रेड सिग्नल पार कर गई। ब्रेक लगाने से अपनी गाड़ी को गिरने के भय से विनोद कुमार चलती गाड़ी से कूद गया, जिसके कारण बड़ी दुर्घटना हो गई। इस घटना में विनोद कुमार घायल हुए, वहीं खड़ी मालगाड़ी के चालक राजेश प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई थी। दो मालगाड़ियों की टक्कर में अभी भी चार से अधिक घायल रेल कर्मचारियों का उपचार बिलासपुर रेलवे केन्द्रीय चिकित्सालय में हो रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जांच की जिम्मेदारी दक्षिण पूर्व सर्कल कोलकाता के रेलवे संरक्षा आयुक्त एएम चौधरी को सौंपी है। बुधवार से बिलासपुर रेल मंडल में एएम चौधरी दो दिन की जांच के लिए पहुंचे हुए हैं। दूसरी ओर रेलवे बोर्ड ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे के ट्रेन ड्राइवर को एक दिन में 9 घंटे से अधिक ड्यूटी नहीं कराने का आदेश जारी किया है। जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय से 24 अप्रैल को एक चिट्ठी सभी जोनल रेलवे के जीएम के नाम जारी हुई है। इसमें स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि कोई भी रनिंग स्टाफ नौ घंटे से भी ज्यादा ड्यूटी नहीं करेगा। इसमें कहा गया है कि रनिंग स्टाफ के साइन ऑन और साइन ऑफ का समय नौ घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यदि असामान्य हालत में इससे ज्यादा ड्यूटी करनी भी पड़े तो इसे अधिकतम दो घंटे तक बढ़ाया जा सकता है। ऐसी परिस्थिति में चालक को ड्यूटी खत्म करने से दो घंटे पहले सूचित करना होगा। चालक और परिचालक के साथ यह नियम ट्रेन में ड्यूटी करने वाले गार्ड यानि ट्रेन मैनेजर पर भी लागू होगा।

क्यों बनाना पड़ा नियम?

लोको पायलट एसोसिएशन के अनुसार वर्तमान में ट्रेन चालक-परिचालक की भीषण तंगी है। इसलिए चालक को 14 घंटे तक या इससे ज्यादा समय तक भी ट्रेन चलाना पड़ता है। ड्यूटी आवर्स ज्यादा होने की वजह से दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। कभी कभी उन्हें नियमानुसार पर्याप्त रेस्ट भी नहीं मिलता है। एक ट्रेन लेकर आए, ढंग से नींद भी नहीं ली कि फिर दूसरी ट्रेन को लेकर डेस्टिनेशन पर निकल जाना पड़ता है। इसकी मांग पहले भी कई बार की जा चुकी है, लेकिन जोन व डिवीजन स्तर पर कोई भी अफसर ध्यान नहीं देते हैं।

चालक-परिचालक सस्पेंड

19 अप्रैल के चार दिन बाद 22 अप्रैल को सिंगपुर में रिरेस्टोरेशन काम के बाद डाउन लाइन में शहडोल से बिलासपुर आने वाली मालगाड़ी के चालक से दूसरी ओवरशूट की घटना हुई। इस घटना को शुरुआत में रेल अफसरों ने दबाने कोशिश की थी, लेकिन बाद में डिवीजन स्तर पर जांच कमेटी का गठन कर दिया गया। जांच में कमेटी ने ओवरशूट की घटना को सही पाते हुए मालगाड़ी के चालक मनोज कुमार यादव, असिस्टेंट लोको पायलट हिमांशु श्रीवास्तवा को सस्पेंड कर दिया है।

कर्मचारी-अधिकारियों से पूछताछ खत्म

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जांच की जिम्मेदारी दक्षिण पूर्व सर्कल कोलकाता के रेलवे संरक्षा आयुक्त एएम चौधरी को सौंपी है। बुधवार से बिलासपुर रेल मंडल में एएम चौधरी दो दिन की जांच के लिए पहुंचे हुए हैं। सीआरएस श्री चौधरी और उनकी टीम ने पहले केन्द्रीय रेलवे चिकित्सालय में उपचार कराने वाले कर्मचारियों से मालगाड़ी के टक्कर की पूछताछ की। इसके उपरांत गुरुवार को अंतिम दिन सुबह 9 बजे से बिलासपुर रेल मंडल के कांफ्रेंस हाल के अंदर अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ का दौर चलता रहा। सुबह से ही कांफ्रेंस हाल के बाद सिंगपुर की घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अलावा तीन दर्जन से अधिक रेल कर्मचारी मौजूद थे, जिन्हें एक-एक कर अंदर बुलाकर सीआरएस ने पूछताछ करते हुए घटना का साक्ष्य एकत्रित किया। सीआरएस की रिपोर्ट के आधार पर जोन व डिवीजन स्तर पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पूछताछ और जांच के बाद रेलवे संरक्षा आयुक्त एएम चौधरी रात में पुणे-हावड़ा आजाद हिंद एक्सप्रेस से कोलकाता रवाना हो गए।

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