विस्फोट में मारा गया ड्राइवर धनीराम खुद अनपढ़, लेकिन बच्चों को पढ़ा-लिखा रहा था
गीदम।
नक्सल विस्फोट में मारे गए ड्राइवर धनीराम यादव घर के इकलौते कमाऊ सदस्य थे। पूरा परिवार उन्हीं की कमाई पर निर्भर था। उनके नही रहने से परिवार की आजीविका पर संकट आ गया है। खुद पढ़े-लिखे नही थे, लेकिन वे चाहते थे कि उनके बच्चे अच्छे से पढ़े लिखे।
जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के किकिर पारा में हुई नक्सल वारदात में 10 जवानों के साथ गीदम नगर के वार्ड क्रमांक 14 कडती पारा में रहने वाले निजी वाहन चालक धनीराम यादव भी शहीद हो गए। काम पर जाते समय धनीराम को भी शायद यह पता नहीं रहा होगा कि वह आज अंतिम सफर पर जा रहे हैं। धनीराम यादव विगत 5 वर्ष से भी अधिक समय से राजू गुप्ता के यहां गाड़ी चलाने का काम कर रहे थे। धनीराम के परिवार में उनकी पत्नी मंगलदाई यादव के अलावा एक बेटा बस्ती यादव और एक बेटी शिवम यादव है। इनका पुत्र कक्षा सातवीं में अध्ययनरत है वही पुत्री कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा है, उनके घर की स्थिति काफी दयनीय है। पूरे परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनकी ही कमाई से पूरे घर का खर्च चल रहा था। वह खुद ज्यादा पढ़े-लिखे नही थे, लेकिन वह चाहते थे कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर अच्छी जगह पर पहुंचे। इसलिए वह दिन रात मेहनत कर अपने बच्चों को शिक्षा दिला रहे थे। धनीराम का ना होना परिवार के लिए किसी बड़े दुखद सपने से कम नहीं है।
सरकार से मिलनी चाहिए मदद
लोगों का कहना है कि शासन प्रशासन द्वारा उनकी शहादत का सम्मान करते हुए उनके परिवार के लिए यथा संभव हर मदद दिलाई जाए। उनके अंतिम संस्कार में उनके परिवार जनों के साथ-साथ नगर का पूरा जन सैलाब उमड़ पड़ा और उनको नम आंखों से विदाई दी गई। इस दौरान प्रशासन की ओर से एसडीएम अभिषेक तिवारी, गीदम थाना प्रभारी सलीम खाखा, सीएमओ नगर पंचायत बीपी ध्रुव, भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश गागड़ा, मनीष सुराना सहित बड़ी संख्या में जन समुदाय उपस्थित था।
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