नक्सलियों के टारगेट में नेता नहीं जवान थे, जारी किया पर्चा

जगदलपुर> कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर की गई फायरिंग मामले में नक्सलियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उनके टारगेट में नेता नहीं, बल्कि जवान थे और जवानों का काफिला समझकर हमला किया गया था। इस मामले में एक ओर जहां बीजेपी नेता सवाल उठा रहे थे, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के बयान में विरोधाभास को लेकर भी सवाल खड़े किया जा रहा था। पश्चिम बस्तर डिविजनल कमेटी के प्रवक्ता मोहन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हमले की बात स्वीकार करते हुए बताया कि विधायक उनके टारगेट में नहीं बल्कि जवान थे।

इसी समय बड़ी घटनाओं को अंजाम

ज्ञात हो कि नक्सली आमतौर पर बड़ी घटनाओं को फरवरी से मई महीने के बीच में अंजाम देते हैं, जिसे नक्सलियों ने टैक्टिकल काउंटर ऑफ ऑफेंसिव कैंपैन नाम दिया है। पत्र के मुताबिक टीसीओसी के तहत उन्होंने प्रतिरोध स्वरूप घटना को अंजाम दिया है। इसमें कोई राजनेता टारगेट में नहीं था, बल्कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान और उनकी हत्या के खिलाफ जवाबी कार्रवाई थी।

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