मोटे अनाज गर्मियों शरीर से संबंधित कई बीमारियों को करते हैं बेअसर
मोटे अनाज को गर्मी में सेवन करने से शरीर में तापमान का संतुलन बना रहता है। मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक मोटे अनाज में फ्री रेडिकल्स को भगाने की क्षमता है जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। फ्री रेडिकल्स जब शरीर में नहीं होगा तो शरीर की इम्यूनिटी कैंसर को भी शरीर में घुसने नहीं देगी। यही कारण है आजकल मोटे अनाज को सुपरफूड माने जाने लगा है। कुछ मोटे अनाज गर्मियों में पेट को ठंडक पहुंचाते हैं। शरीर से संबंधित कई बीमारियों को बेअसर करता है। आज ज्वार, बाजरा, जौ, रागी जैसे मोटे अनाजों को बेहद ऊंची कीमत पर बेचा जा रहा है।
रागी की तासीर होती है ठंडी
मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार रागी की तासीर ठंडी होती है। रागी में पोलिफिनॉल फोटोकेमिकल और डाइट्री फाइबर होता है जो बीमारियों से लड़ने में मददगार होता है। लाल दानेदार यह मोटा अनाज कैल्शियम से लबालब भरा होता है। रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि रागी एंटी-डायबेटिक, एंटी-ट्यूमरजेनिक होता है।
ज्वार विटामिन बी कॉम्पलेक्स से भरपूर 02
ज्वार में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स बहुत अधिक मात्रा में होता है। रिसर्च के मुताबिक बाजरा में फेनोलिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-कैंसर गुण से भरपूर होते हैं। ज्वार आज सुपरफूड है। ज्वार की तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह पेट को ठंडा रखता है। ज्वार के नियमित सेवन से वजन को कम किया जा सकता है। ज्वारा ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।
बाजरा पोषक तत्वों का खजाना
बाजरा पोषक तत्वों का खजाना होता है। बाजरा भी मिलेट में ही आता है। इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, थियामिन, नियासिन, राइबोफ्लोबिन, कई तरह के विटामिंस और मिनिरल्स एक साथ पाए जाते हैं। मेडीकल वेबसाइट के मुताबिक बाजरे के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। हार्ट की हेल्थ को मजबूत किया जा सकता है।
जौ के पानी का विशेष महत्व
आयुर्वेद में पहले से ही जौ के गुणों का बखान है। खासकर जौ के पानी का विशेष महत्व है। जौ शरीर को ठंडा रखता है। जौ में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जौ में कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स भी होता है। जौ का ग्लाइसेमिक इंडेक्ट बहुत कम होता है। इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
सबसे अधिक प्रोटीन चने में
चना पोषक तत्वों का खजाना होता है। चने में सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है, इसलिए एक्सपर्ट चने के आटे को अन्य आटे में मिक्स कर खाने की सलाह देते हैं। चने की तासीर ठंडी होती है। यह पेट को ठंडा रखता है। चना कोलेस्ट्रऑल और ट्राईग्लिसेराइड्स को कम करता है। फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने चने को मिलेट में शामिल नहीं किया है लेकिन यह भी मोटा अनाज है।
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