-डीएमके सरकार की रोक वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की थी खारिज
(फोटो : आरएसएस)
चेन्नई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तमिलनाडु सरकार की अपील खारिज किए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने रविवार को तमिलनाडु में 45 स्थानों पर रूट मार्च निकाला। शीर्ष अदालत से सहमति मिलने के दो दिन बाद आरएसएस ने मार्च निकाला। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद पुलिस ने मार्च निकालने के लिए 16 तारीख तय की थी। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए डीएसपी श्रीनाथ के नेतृत्व में 500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। बम दस्ते खोजी कुत्तों की मदद से भीड़भाड़ वाली जगहों और रैली के रास्ते में हर स्तर पर तलाशी की गई। दक्षिणपंथी संगठन को अदालत के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए रैली करने का निर्देश दिया गया था। रैली निकालने के दौरान बांस के डंडे के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
अक्टूबर में मांगी थी इजाजत
गौरतलब है कि आरएसएस ने अक्टूबर 2022 में रूट मार्च निकालने का अनुरोध किया था लेकिन तमिलनाडु पुलिस ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि झड़पें हो सकती हैं। पुलिस ने केंद्र सरकार द्वारा सितंबर 2022 में इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने का हवाला दिया और कहा कि अगर आरएसएस का रूट मार्च होता तो राज्य के कुछ हिस्सों में उसके खिलाफ हमले हो सकते थे और उस पर प्रतिबंध लगा दिया जाता। लेकिन बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी।
0000

