अतीक और अशरफ को कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तीनों आरोपी

कौन हैं गुनहगार

  1. लवलेश तिवारी

बांदा

2.अरुण मौर्य

हमीरपुर

  1. सनी

कासगंज

अंत के साथ अनंत सवाल?

–क्या तीनों हत्यारे पहले से एक-दूसरे को जानते थे?

–अतीक और अशरफ को ही क्यों निशाना बनाया?

–आखिर क्यों उसने अतीक और अशरफ की हत्या करवाई?

–हत्यारों के पास से बरामद जिगाना मेड पिस्टल कहां से आई?

–तुर्की में बनने वाली इस पिस्टल को हत्यारों को किसने दिया?

–हत्या की प्लानिंग किसने की?

–क्या पुलिस, प्रशासन या किसी नेता का भी इसमें हाथ है?

अतीक के सिर में बाईं ओर दागी पहली गोली

शूटरों ने पहली गोली अतीक पर दागी। अतीक मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आगे बढ़ा ही था कि एक शूटर ने पीछे से आकर उसके सिर के पिछले हिस्से में बाईं ओर गोली दागी। इसके बाद अतीक जमीन पर गिरा। उधर गोली चलने की आवाज सुनकर अशरफ भाई को संभालने के लिए पीछे मुड़ा तो उसके चेहरे पर गोली दाग दी। इसके बाद अशरफ भी जमीन पर लुढ़क गया और फिर तीनों शूटरों ने दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।

18 सेकंड में 20 गोलियां

अतीक और अशरफ की हत्या के लिए 18 सेकंड में 20 गोलियां चलाई गईं। पुलिस ने हत्यारों के पास से जो पिस्टल बरामद की है, वो तुर्किये में बनती है। भारत में इस पिस्टल पर बैन है। कहा जा रहा है कि इसी पिस्टल से पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को भी मारा गया था। तुर्की में बनने वाली जिगाना मेड पिस्टल का प्रयोग मलेशियाई आर्मी, अजरबैजान आर्मी, फिलिपिन आर्मी भी करती है। ये पिस्टल पूरी तरह से ऑटोमेटिक होती है और एक बार में ही कई राउंड फायरिंग किया जा सकता है। पाकिस्तान के रास्ते इसकी सप्लाई अवैध तरीके से भारत में होती है। कहा जाता है कि ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से इसे भारत में सप्लाई किया जाता है।

प्रयागराज/लखनऊ। गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (60) का अंत हो गया। अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ को कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद अतीक और अशरफ के शव सीधे कब्रिस्तान पहुंचे। पहले से ही यहां अतीक और अशरफ के कई रिश्तेदार पहुंचे थे।

दोनों की हत्या के मामले में पकड़े गए तीनों आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस से कहा कि वे अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर प्रदेश में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। इस हत्याकांड के संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी में इस बात का उल्लेख है। पुलिस ने बताया कि प्रयागराज के धूमनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राजेश कुमार मौर्य ने शाहगंज थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले में लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज-एटा) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस हमले के दौरान गोलीबारी में लवलेश तिवारी को भी गोली लगी है और उसका अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। प्राथमिकी के अनुसार, पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने कहा, हम अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर प्रदेश में अपने नाम की पहचान बनाना चाहते थे, जिसका लाभ भविष्य में निश्चित रूप से मिलता। हम पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या करने के बाद भागने में सफल नहीं हो पाए। पुलिस की तेजी से की गई कार्रवाई में हम लोग पकड़े गये। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों ने कहा, जब से हमें अतीक व अशरफ को पुलिस हिरासत में भेजे जाने की सूचना मिली थी, हम तभी से मीडियाकर्मी बनकर यहां की स्थानीय मीडिया की भीड़ में रहकर इन दोनों को मारने की फिराक में थे, किंतु सही समय और मौका नहीं मिल पाया। शनिवार को मौका मिलने पर हमने घटना को अंजाम दिया।

अतीक को 8, अशरफ को लगी 5 गोलियां

अतीक और अशरफ का पोस्टमार्टम किया गया। इसकी रिपोर्ट आने पर यह बात सामने आई कि शूटआउट के दौरान उसके शरीर में कुल 8 गोलियां लगी हैं। इनमें से 1 सिर में, 1 गर्दन में, 1 छाती में और 1 कमर में लगी है। अशरफ को 5 गोलियां लगी हैं। दोनों के शव पोस्टमार्टम के परिजनों को सौंप दिए गए हैं। अतीक और अशरफ के शवों का पोस्टमार्टम चार डॉक्टरों के पैनल ने किया है। इस दौरान पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई है।

40 साल का माफिया राज 40 सेकंड में खत्म

अतीक के दोनों नाबालिग बेटों को कब्रिस्तान लाया गया

अशरफ की दोनों बेटियां भी कब्रिस्तान पहुंची

बेटे असद की कब्र के पास दफन हुआ अतीक

आरोपियों को भेजा गया नैनी जेल

हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। इनके नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं। सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरी ने बताया- तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। यहां अतीक का बेटा अली भी कैद है।

चुनिंदा रिश्तेदार पहुंचे कब्रिस्तान

कब्रिस्तान में किसी को भी एंट्री नहीं दी गई। सिर्फ चुनिंदा रिश्तेदारों को जाने दिया गया। कब्रिस्तान से करीब 300 मीटर दूर सभी को रोक दिया गया। मीडियाकर्मियों को कब्रिस्तान के बाहर तक जाने दिया गया। हालांकि, उनके नाम और मोबाइल नोट किए जा रहे हैं। पूरे शहर में तगड़ी सुरक्षा है। जगह-जगह फोर्स तैनात है।

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