अरुणाचल पहुंचकर शाह ने दिया चीन को करारा जवाब… ‘सुई की नोक जितनी जमीन भी कोई नहीं ले सकता’

  • चीन से लगे किबिथू इलाके में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का हुआ आगाज
  • पलायन रोकने, सीमा सुरक्षा मजबूत करने के लिहाज से अहम है यह प्रोग्राम

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश पहुंचकर चीन को करार जवाब दिया। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत करते हुए शाह ने कहा कि भारत की जमीन को हथियाने का जमाना अब चला गया है। शाह ने बिना नाम लिए चीन पर हमला करते हुए कहा कि सुई की नोक जितनी जमीन भी कोई नहीं ले सकता. उन्होंने कहा, अरुणाचल में कोई भी नमस्ते नहीं करता, सब जय हिन्द बोल कर एक दूसरे का अभिवादन करते हैं। यह देख कर हृदय देशभक्ति से भर जाता है। अरुणाचलवासियों के इसी जज्बे के कारण 1962 की लड़ाई में जो अतिक्रमण करने आया था उसे वापस जाना पड़ा था।

दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे शाह ने चीन से लगे अरुणाचल के किबिथू इलाके में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की। इससे सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार आएगा। साथ ही पलायन रोकने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिहाज से भी ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि हाल में चीन ने अरुणाचल के 11 स्थानों के नाम बदल दिए थे। गृह मंत्री शाह की यह यात्रा अरुणाचल प्रदेश में चीन के मंसूबों का जवाब है क्योंकि यह उसी क्षेत्र में है जिस पर चीन आए दिन अपना दावा करता है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्देश्य उत्तरी सीमा के अपने हिस्से में स्थायी गांवों को प्रोत्साहित करना है।

यह है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत व्यापक विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की पहचान की गई है। पहले चरण में, प्राथमिकता के आधार पर 662 गांवों की पहचान की गई है, जिनमें अरुणाचल प्रदेश के 455 गांव शामिल हैं।

चीन ने 11 इलाकों के बदले नाम

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे को पुख्ता करने के मद्देनजर यहां के के 11 स्थानों के नामों की लिस्ट जारी की थी। हालांकि भारत चीन के इस दावे को शुरू से खारिज करते आया है और इन नाम बदलने वाली सूचियों को भी भारत ने हमेशा खारिज ही किया है।

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शाह के दौरे पर चीन ने जताई आपत्ति

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमित शाह के दौरे को लेकर कहा, ‘जंगनान (चीनी भाषा में दक्षिणी तिब्बत) चीन का हिस्सा है।’ वांग ने कहा कि भारतीय मंत्री का जंगनान दौरा चीन की संप्रभुता का उल्लंघन करता है। यह सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सही नहीं है। इससे पहले भी चीन अरुणाचल प्रदेश को लेकर अवैध जताता रहा है। 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे का भी चीन ने विरोध किया था। इसके अलावा 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे पर भी चीन भड़का था।

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