नई दिल्ली। हिंदी भाषा को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहने वाले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सीआरपीएफ में भर्ती के लिए डिजिटली परीक्षा में तमिल भाषा को शामिल नहीं करने पर विरोध जताया। गृहमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने इस कदम को तमिलनाडु की जनता के साथ घोर भेदभाव बताया। इस पत्र में स्टालिन ने कहा कि परीक्षा में केवल अंग्रेजी और हिंदी को अनिवार्य करना एकतरफा है। पहले उन्होंने दही के पाउच पर दही लिखने को लेकर पर निशाना साधा था। अब अर्द्धसैनिक बलों की भर्ती परीक्षा का माध्यम तमिल नहीं होने पर केंद्र को कटघरे में खड़ा किया। गृहमंत्री को लिखे पत्र में स्टालिन ने कहा, सरल शब्दों में कहें तो सीआरपीएफ की यह अधिसूचना तमिलनाडु से आवेदन करने वालों के हितों के खिलाफ है। यह न केवल एकतरफा है बल्कि भेदभावपूर्ण भी है। सीएम ने प्रतियोगी परीक्षा में तमिल सहित क्षेत्रीय भाषाओं को अनुमति देकर गैर-हिंदी भाषी उम्मीदवारों को परीक्षा देने में सक्षम बनाने के लिए अमित शाह के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
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