उपराष्ट्रपति बोले- विदेशी संस्स्थाएं हमें न बताएं कि भारत कैसा है’जहर उगलने वालों को आड़े हाथों

जहर उगलने वालों को आड़े हाथों लिया

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की फाइल फोटो।

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को देश के खिलाफ जहर उगलने वाले विदेशी संस्थानों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, कुछ विदेशी संस्थाएं हमें ज्ञान देती है कि हमारा भारत कैसा है। वो हमें बताते हैं कि हमारी जमीन कैसी है, जिसकी जानकारी हमें है। जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि दरअसल, ऐसे संस्थानों का उद्देश्य भारत की उभरती गति पर अंकुश लगाना है। अमेरिका में भी ऐसे संस्थान हैं। हालांकि, चिंताजनक तीन बातें हैं। उन संस्थानों पर जो पीठ कायम होती है। वहां पर हमारे देश के अरबपति, उद्योगपति करोड़ों देते हैं। मैं नहीं कहता कि उनकी नियत खराब है पर शायद यह बात उनकी ध्यान से उतर गई है।

भारत की छवि धूमिल कर रहे कुछ लोग

उपराष्ट्रपति ने कहा कि दान दिए जाने वाले करोड़ों के योगदान की वजह से वहां अपने ही यानी देश के कुछ लोग इस प्रकार के कार्यक्रम की रचना करते हैं, जो भारत को धूमिल करते हैं। उन संस्थानों में अनेक देशों के शिक्षक और विद्दार्थी हैं पर ये अनुचित कार्य हमारे ही देश के लोग क्यों करते हैं। यह सोच का विषय हैं। हालांकि, अब भारत पर इस बात का असर नहीं होता है।

दुनिया में भारत की आवाज बुलंदी पर: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि दुनिया में भारत की आवाज उतनी बुलंदी है पर जिसकी परिकल्पना स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी। उन्होंने कहा कि मगर अफसोस है कि देश में ही मौजूद विदेशी संस्थाएं देश के लिए अनर्गल बातें करती हैं। उन्हें मैं यह बता देना चाहता हूं कि देश के महापुरुषों ने जिस भारत की कल्पना की थी वह आज साकार हो रही है। भारत की आवाज को आज पूरी दुनिया गौर से सुन रही है।

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