अपना देश छोड़कर जाने वाले डॉक्टरों में सबसे ज्यादा भारतीय

  • ऑर्गनाइजेशन ऑफ इकनॉमिक कोऑपरेशन एंड डिवेलपमेंट की रिपोर्ट

नई दिल्ली। विकसित देशों में काम करने वाले डॉक्टरों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय डॉक्टरों की है। बड़ी संख्या में भारतीय मेडिकल प्रोफेशनल विदेश जाते हैं। लेकिन कुल भारतीय डॉक्टरों का सिर्फ 7 फीसदी ही विदेशों में है। भारत दुनिया के उन देशों में सबसे ऊपर है, जहां के पढ़े डॉक्टर विकसित देशों में काम कर रहे हैं। ऐसा तब है जबकि भारत में डॉक्टरों की बेहद कमी है और अंतरराष्ट्रीय मानकों की तुलना में भारत में प्रति हजार व्यक्तियों पर डॉक्टरों की संख्या बेहद कम है। इस कमी के बावजूद भारत डॉक्टरों के गंभीर ब्रेन ड्रेन से जूझ रहा है।

विकसित देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इकनॉमिक कोऑपरेशन एंड डिवेलपमेंट (ओईसीडी) ताजा आंकड़ों के मुताबिक करीब 75 हजार भारतीय डॉक्टर विकसित देशों में काम कर रहे हैं कि जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं।

दूसरे नंबर पर पाकिस्तान है जिसके 25 हजार से ज्यादा डॉक्टर विकसित देशों में हैं। रोमानिया (21,800), जर्मनी (18,827) और ब्रिटेन (18,314) के डॉक्टर भी अपना देश छोड़कर अन्य विकसित देशों में कार्यरत हैं। इस सूची में रूस, मिस्र और पोलैंड भी हैं।

विकसित देशों में कुल 74,455 भारतीय डॉक्टर

ओईसीडी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के जो डॉक्टर विदेशों में काम कर रहे हैं कि उनमें से ज्यादातर अंग्रेजी भाषी देशों में ही हैं। विकसित देशों में काम कर रहे कुल 74,455 भारतीय डॉक्टरों में से दो-तिहाई तो अमेरिका में ही हैं। लगभग 19 हजार ब्रिटेन में काम कर रहे हैं। भारत के मुकाबले विदेशों में काम करने वाले चीनी डॉक्टरों की संख्या काफी कम है, जहां के सिर्फ 8 हजार डॉक्टर विकसित देशों में हैं कि जबकि दोनों देशों की आबादी लगभग बराबर है। वहां के डॉक्टरों ने मुख्यतया अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को चुना है।

डॉक्टरों की कमी से जूझता भारत

प्रति हजार व्यक्तियों पर उपलब्ध डॉक्टरों के मामले में भारत दुनिया की सूची में काफी नीचे आता है। ओईसीडी की इसी महीने जारी रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में सबसे बेहतर डॉक्टर अनुपात ऑस्ट्रिया में है, जहां हर हजार लोगों पर 5.5 डॉक्टर हैं। ब्रिटेन में 3.2 और अमेरिका में यह अनुपात 2.6 का है। चीन में भी प्रति हजार व्यक्तियों पर 2.4 डॉक्टर हैं जबकि भारत में मात्र 0.9।

कुल भारतीय डॉक्टरों का सिर्फ 7 फीसदी ही विदेशों में

हालांकि सिर्फ विदेशों में काम करने वाले डॉक्टरों को इस कमी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि भारत के कुल डॉक्टरों का एक मामूली हिस्सा ही विदेशों में है। रिपोर्ट कहती है कि कुल भारतीय डॉक्टरों का सिर्फ 7 फीसदी ही विदेशों में हैं और अगर वे लौट भी आएं तो भी भारत के हालात में ज्यादा बदलाव नहीं होगा। इसके मुकाबले ब्रिटेन या जर्मनी के डॉक्टरों का ज्यादा बड़ा हिस्सा विदेशों में काम करता है लेकिन वहां प्रति हजार व्यक्ति डॉक्टरों की संख्या बेहतर है। मिसाल के तौर पर रोमानिया के करीब 22 हजार डॉक्टर विकसित देशों में काम कर रहे हैं। 1.9 करोड़ की आबादी वाले देश में यह बहुत बड़ी संख्या है और अगर वे सभी स्वदेश लौट जाएं तो देश में डॉक्टरों की संख्या 37 फीसदी बढ़ जाएगी। मिस्र के 17 फीसदी और फिलीपींस के भी 13 प्रतिशत डॉक्टर विदेशों में काम कर रहे हैं। छोटे से कैरेबियाई देश ग्रेनाडा के भी करीब 10 हजार डॉक्टर विदेशों में हैं।

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