‘हमारे सामने सरेंडर की इजाजत नहीं’… अकाल तख्त ने भगोड़े अमृतपाल को पुलिस के पास जाने कहा

-खालिस्तानी नेता पर लोगों को भड़काने सहित दर्ज हैं कई मामले

-पंजाब पुलिस सरगर्मी से कर रही है तलाश

नई दिल्ली। भटिंडा में शुक्रवार को अकाल तख्त की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक के बाद अकाल तख्त के प्रमुख ने स्पष्ट किया कि अमृतपाल को अकाल तख्त में आत्मसमर्पण करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अकाल तख्त अमृतपाल के सरेंडर के लिए पुलिस से बातचीत नहीं करेगा। अकाल तख्त प्रमुख हरप्रीत ने अमृतपाल से पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की अपील की। बता दें कि भगोड़े अमृतपाल की पैनी नजर थी। फिलहाल पंजाब पुलिस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। पलिस के डीजीपी ने पुलिस के सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है। सूत्रों की मानें तो सभी राजपत्रित अधिकारियों (जीओ), गैर राजपत्रित अधिकारियों (एनजीओ) और ईपीओ के अवकाश 14 अप्रैल तक रद्द कर दिए गए हैं। मुखियाओं को 14 अप्रैल, 2023 तक किसी भी प्रकार की कोई भी नई छुट्टी स्वीकृत नहीं करने के लिए कहा गया है। निर्देश दिया गया है कि पूर्व में स्वीकृत सभी प्रकार के अवकाश तत्काल रद्द किए जाएं। बता दें, खालिस्तानी नेता अमृतपाल पर लोगों को भड़काने सहित कई मामले दर्ज हैं।

बैसाखी पर सरबत खालसा

गौरतलब है कि 14 तारीख को “बैसाखी” पर अमृतपाल द्वारा सरबत खालसा बुलाया गया है। हालांकि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को कहा था कि ‘‘सरबत खालसा” की सभा बुलाना केवल अकाल तख्त प्रमुख का विशेषाधिकार है। भगोड़े कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए ‘‘सरबत खालसा” की सभा बुलाने को कहा है। बुधवार और बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर सामने आए अपने दो वीडियो संदेशों में अमृतपाल सिंह ने सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) को श्रद्धालुओं की सभा ‘‘सरबत खालसा” के आयोजन के लिए कहा है। अमृतपाल ने जत्थेदार से अमृतसर में अकाल तख्त से बठिंडा में दमदमा साहिब तक ‘‘खालसा वहीर” (धार्मिक जुलूस) निकालने और बैसाखी के दिन वहां सभा आयोजित करने की भी अपील की है।

सरबत खालसा की जगह वार्षिक समागम

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत ने अमृपाल की सरबत खालसा की मांग को ठुकरा दिया। हालांकि गुरुवार शाम को जत्थेदार ने दमदमा साहिब में तीन दिवसीय वार्षिक समागम की घोषणा जरूर की है। अमृतपाल की मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा था, ‘‘ये अमृतपाल सिंह की निजी इच्छा है। सरबत खालसा बुलाना या न बुलाना किसी और का नहीं बल्कि अकाल तख्त का एकमात्र विशेषाधिकार है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमृतपाल सिंह के करीबी कई सिखों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया, जो गंभीर चिंता का विषय है।’

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