केंद्रीय गृह मंत्रालय का आदेश
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान अधिनियम के कथित उल्लंघन के मामले में वैश्विक गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम की भारतीय इकाई के कामकाज की सीबीआई से जांच की सिफारिश की है। गृह मंत्रालय ने पाया कि ऑक्सफैम इंडिया ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत होने के बावजूद विभिन्न संस्थाओं को विदेशी अंशदान भेजना जारी रखा। 29 सितंबर 2020 से लागू यह कानून इस तरह रकम के हस्तांतरण को प्रतिबंधित करता है। ऑक्सफैम इंडिया की प्रतिक्रिया अभी नहीं मिल पाई है। सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग द्वारा किए गए एक ‘सर्वेक्षण’ के दौरान कई ई-मेल पाए गए, जिनसे पता चला कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य एफसीआरए-पंजीकृत संगठनों को धन भेजकर, या लाभकारी परामर्श मार्ग के माध्यम से एफसीआरए के प्रावधानों को दरकिनार करने की कथित तौर पर योजना बना रहा था। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण ने ऑक्सफैम इंडिया को विदेशी संगठनों या इकाइयों की विदेश नीति के एक संभावित साधन के रूप में ‘उजागर’ किया, जिन्होंने वर्षों से संगठन को उदारतापूर्वक वित्त पोषित किया है। सूत्रों ने कहा कि सामाजिक गतिविधियों के लिए पंजीकृत ऑक्सफैम इंडिया ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को धन भेजा। उन्होंने कहा कि इन निष्कर्षों के बाद, गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के कामकाज की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की। सूत्रों ने कहा कि ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी यही परिलक्षित होता है, जो 2019-20 में सीपीआर को 12,71,188 रुपये के भुगतान को दर्शाता है।
सीधे खाते में विदेशी रकम
सूत्रों ने कहा कि ऑक्सफैम इंडिया ने लगभग 1.50 करोड़ रुपए का विदेशी अंशदान उन्हें निर्दिष्ट एफसीआरए खाते में प्राप्त करने के बजाए सीधे अपने विदेशी अंशदान उपयोग खाते में प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि इन निष्कर्षों के बाद गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की।एक महीने के भीतर, ऑक्सफैम इंडिया ऐसा दूसरा गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है, जिसके खिलाफ गृह मंत्रालय ने एफसीआरए के कथित उल्लंघन के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
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