रात में ऑपरेशन के लिए परीक्षण सफल

  • आईएनएस विक्रांत पर पहली बार उतारा गया कामोव 31 हेलीकॉप्टर

(फोटो : कामोव 13)

नई दिल्ली। आईएनएस विक्रांत पर पहली बार कामोव 31 हेलीकॉप्टर सुरक्षित उतारा। रात में सुरक्षा के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण है। वहीं, कामोव 31 हेलीकॉप्टर 28 मार्च को आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया। भारतीय नौसेना के अधिकारी के मुताबिक, परीक्षण के दौरान स्वदेशी प्रकाश सहायक उपकरण और शिपबोर्न सिस्टम का इस्तेमाल किया गया, जो कि पूरी तरह सफल सिद्ध हुए।

विक्रांत की खासियत

कोचिन शिपयार्ड में बने आईएनएस विक्रांत की लंबाई 262 मीटर है। वहीं, इसकी चौड़ाई भी करीब 62 मीटर है। यह 59 मीटर ऊंचा है और इसकी बीम 62 मीटर की है। युद्धपोत में 14 डेक हैं और 1700 से ज्यादा क्रू को रखने के लिए 2300 कंपार्टमेंट्स हैं। इनमें महिला अधिकारियों के लिए अलग से केबिन बनाए गए हैं। इसके अलावा इसमें आईसीयू से लेकर चिकित्सा से जुड़ी सभी सेवाएं और वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं भी हैं। आईएनएस विक्रांत का वजन करीब 40 हजार टन है, जो इसे अन्य एयरक्राफ्ट से विशाल बनाता है।

असली ताकत समुद्र में

आईएनएस विक्रांत की असली ताकत सामने आती है समुद्र में, जहां इसकी अधिकतम स्पीड 28 नॉट्स तक है। यानी करीब 51 किमी प्रतिघंटा। इसकी सामान्य गति 18 नॉट्स यानी 33 किमी प्रतिघंटा तक है। यह एयरक्राफ्ट कैरियर एक बार में 7500 नॉटिकल मील यानी 13,000+ किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।

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