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बयान जारी कर बोले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची, अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है, नाम बदलने से इस वास्तविकता को बदला नहीं जा सकेगा।
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.नई दिल्ली।चीन के अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदलने को लेकर मंगलवार को भारत ने बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जिसमें एक बयान जारी कर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। नाम बदलने से इस वास्तविकता को बदला नहीं जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने ऐसा प्रयास किया है। भारत इसे सिरे से खारिज करता है। गौरतलब है कि चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया था कि बीते रविवार को चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों का चीनी, तिब्बती और पिनइन लिपि में नामों का सेट जारी किया। जिसमें दो भूभागों के नाम, दो आवासीय क्षेत्रों के नाम, पांच पर्वतीय क्षेत्रों के नाम और दो नदियों के नाम शामिल हैं। चीन की प्रांतीय परिषद ने तिब्बत के दक्षिणी हिस्से को जंगनन का नाम दिया है।
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तीसरी बार बदले नाम
बताते चलें कि चीन ने इससे पहले वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद के समय पर भी अरुणाचल में जगहों के नाम बदले थे। उसके बाद पूर्वी लद्दाख में जारी एलएसी विवाद के दौरान भी उसने ये कुटिल प्रयास किया था। लेकिन ड्रैगन की दोनों कोशिशों को भारत ने सिरे से खारिज करते हुए अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताया था। साथ ही ये भी कहा था कि चीन का इस पर दावा उसकी गलत नीयत का प्रमाण है।
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दलाई लामा की यात्रा के बाद बदला था नाम
साल 2017 में दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर गए थे। चीन ने उनकी इस यात्रा की आलोचना की थी और कुछ दिनों बाद पहली बार नाम को बदला था। पिछले कुछ वर्षों में चीन और भारत के संबंध तनावपूर्ण देखने को मिले हैं। 2017 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच डोकलाम को लेकर टकराव देखने को मिला था। इसके अलावा व्यापार को लेकर भी चीन और भारत के बीच तनाव रहा है। भारत ने पिछले कई वर्षों में कई चीनी एप को बैन किया है।
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कांग्रेस बोली-पीएम की चुप्पी का परिणाम
कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का चीन द्वारा पुन: नामकरण करने को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चीन को ‘क्लीन चिट’ दिए जाने और चीनी आक्रमकता पर उनके लगातार चुप्पी साधे रहने का परिणाम है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह सब उस वक्त हो रहा है जब चीन के एक शीर्ष राजनयिक ने हाल में दावा किया था कि भारत-चीन सीमा पर हालात स्थिर हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, चीन द्वारा उकसाने की गतिविधि और अतिक्रमण जारी है। उसने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम तीसरी बार बदले हैं।”
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