राहुल का किया जर्मनी ने समर्थन तो भड़की भाजपा, कांग्रेस खुश

—-अमेरिका के बाद अब जर्मनी ने भी की राहुल गांधी विवाद पर की टिप्पणी

00 वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय ने जर्मनी का दिया धन्यवाद

00 केंद्रीय मंत्री रिजिजू भड़के, कहा- विदेशी दखल बर्दाश्त नहीं

इंट्रो

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद में अयोग्यता के मुद्दे पर अमेरिका के बाद जर्मनी ने भी प्रतिक्रिया दी है। इसे लेकर भारत में भाजपा और कांग्रेस के बीच विवाद शुरू हो गया है। एक ओर जहां कांग्रेस नेता जर्मनी का ‘धन्यवाद’ कर रहे हैं। वहीं, भाजपा ने साफ कर दिया है कि विदेशी दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली। जर्मनी ने राहुल गांधी के लोकसभा सदस्यता गंवाने के मामले पर बयान दिया है जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को कांग्रेस पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए ‘विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने’ का आरोप लगाया तो विपक्षी दल ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा अदाणी मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।

जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, हमने भारत में विपक्षी नेता राहुल गांधी के खिलाफ फैसले और उनकी संसदीय सदस्यता निलंबन किए जाने का संज्ञान लिया है। प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, हमारी जानकारी के मुताबिक, गांधी फैसले को चुनौती दे सकते हैं। तब यह स्पष्ट होगा कि क्या यह फैसला टिक पाएगा और क्या निलंबन का कोई आधार है? प्रवक्ता ने कहा कि जर्मनी को उम्मीद है कि ‘न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत’ समान रूप से राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर लागू होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर ब्रिटेन का शुक्रिया कहा। इसके बाद भाजपा आक्रामक हो गई।

दिग्विजय के ट्वीट को टैग करते हुए भाजपा नेता विजय चौथाईवाले ने ट्वीट किया, देखिए, दिग्विजय जी जर्मनी से आये बयान से कितने खुश हैं। यह केवल यही दिखाता है कि वे घरेलू मामलों में विदेशी एजेंसियों को शामिल करने के लिए कितने बेचैन हैं। भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी राहुल गांधी के मामले में जर्मनी और अमेरिका के बयान पर जश्न मना रही है जो उनकी राजनीतिक हताशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा, भारतीय मतदाताओं से नकारे जाने के बाद अब विदेशी शक्तियों द्वारा स्वीकार्यता की कोशिश करना कांग्रेस की दुखद वास्तविकता है। न्यायपालिका को कांग्रेस ब्रिगेड द्वारा अदालतों की छवि खराब किये जाने का संज्ञान लेना चाहिए।


दिग्गी का ट्वीट, कहा-शुक्रिया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया और कहा कि राहुल गांधी को परेशान करके भारत में लोकतंत्र से समझौता किया जा रहा है और इसका संज्ञान लेने के लिए वह जर्मनी के विदेश मंत्रालय तथा डॉयचे वैले के मुख्य अंतरराष्ट्रीय संपादक रिचर्ड वाकर का शुक्रिया अदा करते हैं। सिंह ने वाकर का एक ट्वीट टैग किया जिसमें वरिष्ठ पत्रकार ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता से अयोग्यता पर प्रतिक्रिया देते हुए जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का एक वीडियो डाला है।

केंद्रीय मंत्री रिजिजू का पलटवार

केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने दिग्विज सिंह के ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कटाक्ष किया, भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने के लिए राहुल गांधी का आभार। रिजिजू ने कहा, याद रखिए, भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती। भारत अब और ‘विदेशी प्रभाव’ को सहन नहीं करेगा क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी जी।

खेड़ा बोले- मुख्य मुद्दे से ध्यान हटा रहे

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, रिजिजू जी, मुख्य मुद्दे से ध्यान क्यों हटा रहे हैं? मुद्दा यह है कि प्रधानमंत्री अडाणी मामले में राहुल गांधी के सवालों का जवाब नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करने के बजाय कृपया प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

मालवीय बोले-शर्म की बात

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी सिंह के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, शर्म की बात है कि कांग्रेस लगातार विदेशी एजेंसियों का सहारा ले रही है और भारत के आंतरिक मामलों में उनका हस्तक्षेप चाह रही है। उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने हाल में यूरोप और अमेरिका से हस्तक्षेप को कहा था और अब दिग्विजय सिंह। लेकिन कानून तो कानून है।

इधर, सुप्रीम कोर्ट की नसीहत

सांसद-विधायक को सजा सुनाते वक्त थोड़ा ध्यान रखें

सांसद और विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होते ही सदस्यता चले जाने का प्रावधान बेहद कड़ा है। इसलिए अदालतों को जनप्रतिनिधियों को किसी भी मामले में सजा सुनाते वक्त थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए। कानूनी मामलों की कवरेज करने वाली वेबसाइट बार ऐंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को यह टिप्पणी की। हाल ही में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा के बाद उनकी सदस्यता चली गई है। उस मामले को देखते हुए अदालत की यह टिप्पणी अहम मानी जा रही है। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की अदालत ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल और केंद्र शासित प्रदेश की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल की कैद हुई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। केरल हाई कोर्ट में उनकी ओर से अपील दायर की गई थी, जिसके बाद सजा पर स्टे लग गया था।

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