सूरत हाईकोर्ट का फैसले के बाद अब राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म

नई दिल्ली। सूरत हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद लोकसभा सचिवालय ने वायनाड से सांसद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है। अब राहुल गांधी का सियासी कर‍ियर भी खतरे में पड़ गया है। यदि वे जेल जाते हैं तो कई वर्षों तक वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। हालांकि अभी भी राहुल के पास कई विकल्प बचे हैं। राहुल की संसद सदस्यता अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। राहुल पर हुई कार्रवाई को लेकर जहां विपक्षी दल हमलावर हैं और इसे सरकार की निरंकुशता निरुपित कर रहे हैं वहीं भाजपा का कहना है कि जो भी हो रहा है वह विधि सम्मत हो रहा है

लोकसभा सचिवालय द्वारा की गई कार्रवाई के बाद ऐसे में अब राहुल के चुनाव लड़ने को लेकर असमंजस के बादल मंडरा रहे हैं। अब राहुल गांधी का सियासी कर‍ियर पर भी सवालिया निशान लग गया है। कानून विशेषज्ञों का कहना है कि यदि वे जेल जाते हैं तो उनका मामला कुछ ऐसा है कि कई वर्षों तक वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल राहुल को राहत मिलती नजर नहीं आ रही। अगर कोर्ट केवल उनकी सजा को निलंबित करती है, तो यह पर्याप्त नहीं होगा। उनकी दोषसिद्धि पर भी रोक लगनी चाहिए। क्‍योंकि वह (राहुल गांधी) संसद के सदस्य के रूप में तभी रह सकते हैं जब दोषसिद्धि पर रोक हो।

दिल्ली-जम्मू-बेंगलुरु समेत कई शहरों में प्रदर्शन, पुलिस से भी झड़प

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने पहले संसद और फिर दिल्ली की सड़कों पर प्रोटेस्ट किया। विपक्षी दलों ने विजय चौक तक मार्च निकाला। जो पोस्टर विपक्षी सांसदों ने लिए थे, उन पर लिखा था- लोकतंत्र खतरे में है। दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पर भी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। कर्नाटक में भी कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार को हिरासत में लिया गया है। जम्मू में भी प्रदर्शन हुए।

क्या है जनप्रतिनिधि कानून

सूरत कोर्ट के फैसले के बाद से ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पर तलवार लटक रही थी। दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई हो तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं।

राहुल गांधी के पास अब क्या विकल्प हैं?

राहुल गांधी की संसद सदस्यता बचाने के सभी रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं। उनके पास हाईकोर्ट में जाने का विकल्प है। अगर हाईकोर्ट सूरत सेशन कोर्ट के फैसले पर स्टे लगा देता है तो उनकी सदस्यता बच सकती है। वहीं, अगर हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो राहुल सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। शीर्ष अदालत अगर फैसले पर स्टे लगा देता है तो उनकी सदस्यता बच जाएगी। अगर उन्हें राहत नहीं मिलती है तो वे आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

‘सूर्पणखा’ वाले बयान पर मोदी के खिलाफ केस करेंगी रेणुका

कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि वह 2018 में संसद में की गई कथित ‘सूर्पणखा’ टिप्पणी के लिए पीएम के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करेंगी। रेणुका चौधरी ने एक ट्वीट में लिखा, “कोर्ट अब कितनी तेजी से कार्य करती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी के इस कमेंट का एक पुराना वीडियो भी साथ में ट्वीट किया। जिसमें पीएम मोदी ने राज्यसभा के अध्यक्ष को रेणुका चौधरी को हंसने देने को कहा था। मोदी ने कहा था कि रामायण सीरियल के बाद आज ऐसी हंसी सुनाई दी है। रेणुका चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी को स्तरहीन कहते हुए लिखा कि उन्होंने मुझे सदन में शूर्पणखा कहा था।

राहुल ने 2019 में क्या बयान दिया था

राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?” राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।

कांग्रेस का कैंपेन- डरो मत : सोनिया-प्रियंका मिलने पहुंचीं

इधर, राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी ने सोशल मीडिया पर ‘डरो मत’ कैंपेन शुरू किया है। पार्टी के ट्विटर हैंडल पर भी इसे लगाया गया है। पार्टी के कार्यकर्ता इसे शेयर कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के प्रदर्शनों में भी इस नारे को बैनर-पोस्टर पर प्रमुखता से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बीच सोनिया व प्रियंका गांधी राहुल गांधी से मिलने उनके आवास पहुंचीं।


. भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। राहुल ने कहा कि मेरे खानदान के खून में भारत के लिए प्रेम था, है और रहेगा। उन्होंने कहा कि उनकी आवाज को अब कोई नहीं दबा सकता जब तक भारतवासियों का आशीर्वाद उनके साथ है।


हम न झुके हैं और न कभी झुकेंगे : प्रियंका

कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘इस परिवार ने भारत की जनता की आवाज़ बुलंद की और पुश्तों से सच्चाई की लड़ाई लड़ी। हमारी रगों में जो खून दौड़ता है उसकी एक ख़ासियत है।’ प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘आप कुछ भी कर लीजिए। हम नहीं झुकेंगे।’ उन्होंने कहा कि ‘आप मेरे परिवार को परिवारवादी कहते हैं, जान लीजिए, इस परिवार ने भारत के लोकतंत्र को अपने खून से सींचा।’

हमें जेल जाना पड़ा तो जाएंगे : खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा ने राहुल को अयोग्य घोषित करने के लिए सभी तरीके आजमाए। जो सच बोल रहे हैं उन्हें वो पसंद नहीं करते, लेकिन हम सच बोलते रहेंगे। हम जेपीसी की मांग जारी रखेंगे, जरूरत पड़ी तो लोकतंत्र बचाने के लिए जेल भी जाएंगे। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी की आवाज को दबाना आसान नहीं है। हमें कानून पर पूरा भरोसा है। हमें विश्वास है कि हम निकट भविष्य में विजयी होंगे।

अहंकार बहुत बड़ा मगर उनकी समझ बहुत छोटी है: नड्डा

भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि राहुल का ‘‘अहंकार बहुत बड़ा और समझ बहुत छोटी” है। राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए पूरे ओबीसी अन्य पिछड़ा वर्ग का अपमान किया और उन्हें \”चोर\” कहा। उन्होंने कहा, \”समाज और अदालत द्वारा बार-बार समझाने और माफ़ी मांगने के विकल्प को भी उन्होंने नज़रअंदाज़ किया और ओबीसी समाज की भावना को लगातार ठेस पहुंचाई। उन्होंने कहा राहुल ने राफ़ेल के नाम पर देश को भ्रमित करने की कोशिश की, जिसे लेकर उच्चतम न्यायालय ने फटकार लगाई और राहुल गांधी को मनगढ़ंत आरोप के लिए बिना शर्त माफ़ी मांगनी पड़ी थी।

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