5 अप्रैल को सीजेआई करेंगे सुनवाई
नई दिल्ली। देश की जांच एजेंसियों का केंद्र सरकार द्वारा दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए देश की 14 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इन राजनीतिक दलों ने कहा कि सीबीआई और ईडी के जरिए लगातार विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि वह गिरफ्तारी और जमानत पर दिशा निर्देश तय करे। याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग चीफ जस्टिस से की गई। पार्टियों से की गई मांग पर चीफ जस्टिस ने 5 अप्रैल को सुनवाई की बात कही।
जानकारी के मुताबिक पार्टियों की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामला चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने रखा। विपक्षी दलों के अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि यह पार्टियां संयुक्त रूप से देश के लगभग 42 प्रतिशत मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने कहा कि यह पार्टियां जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मसला कोर्ट के सामने रखना चाहती हैं। सिंघवी ने बताया कि पार्टियां केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है वह सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल करके विपक्ष के नेताओं को निशाना बना रही है।
इन पार्टियों ने लगाई याचिका
सुप्रीम कोर्ट में जिन पार्टियों ने याचिका दाखिल की वह कांग्रेस, डीएमके, आरजेडी, जेडीयू, तृणमूल कांग्रेस, आप, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, बीआरएस, एनसीपी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और नेशनल कांफ्रेंस है. इन पार्टियों की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामला चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने रखा।
95 प्रतिशत विपक्षियों पर केस
सिंघवी ने कहा कि राजनीतिक लोगों के ऊपर जितने भी केस हैं, उनमें से 95 प्रतिशत विपक्ष के नेताओं के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि जो केस पहले से दर्ज हैं, इनमें दखल की मांग नहीं की जा रही है, लेकिन गिरफ्तारी और जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट को कुछ दिशानिर्देश बनाने चाहिए।
000

