राजधानी में शुक्रवार को पत्रकारों के एक समूह से बातचीत करते हुए बोले ईरान के राजदूत इराज इलाही।
नई दिल्ली।
रूस और यूक्रेन के मध्य बीते करीब साल भर से अधिक समय से जारी संघर्ष के बीच अब भारत को ईरान से भी किफायती दरों पर कच्चा तेल मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए ईरान ने खुद आगे बढ़कर भारत से अपील की है। शुक्रवार को नई दिल्ली में पत्रकारों के एक समूह से बातचीत करते हुए भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा कि भारत ने ईरान से तेल की खरीद पर रोक लगा दी थी। क्योंकि अमेरिका ने इस मामले में प्रतिबंधों से उसे और अन्य देशों को दी जाने वाली छूट को लगातार जारी नहीं रखा। लेकिन हमें विश्वास है कि भारत पश्चिम के दबाव के सामने मजबूती से डटा रहेगा और ईरान के साथ जल्द ही तेल की खरीद की शुरुआत करेगा। ये एक ऐसा कदम है जिससे भारत की अर्थव्यवस्था, भारत के लोग और वहां की तेल कंपनियों को भी फायदा होगा। इलाही ने कहा, भारत ताइवान या दक्षिण कोरिया नहीं है बल्कि वह एक उभरती हुई शक्ति और अर्थव्यवस्था है। जो कि आसानी से अमेरिका और पश्चिम के दबाव से निपट सकता है।
राष्ट्रीय हितों के मद्देनजर होती तेल खरीद
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन विवाद के बीच अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत मास्को से लगातार सस्ते दाम पर कच्चा तेल खरीद रहा है। इसे लेकर उक्त देशों द्वारा की गई आलोचनाओं का भी भारत के विदेश मंत्री ने दो टूक अंदाज में जवाब देते हुए कहा है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए तेल की खरीद कर रहा है। आगे भी ये सिलसिला बेरोकटोक जारी रहेगा।
चाबहार परियोजना का हो तीव्र क्रियान्वयन
चाबहार बंदरगाह परियोजना को लेकर इलाही ने कहा कि ईरान इस परियोजना के तीव्र क्रियान्वयन के पक्ष में है। हम इस बंदरगाह को आर्थिक रूप से ही नहीं बल्कि सामरिक भागीदारी के हिसाब से देखते हैं। इसी के तहत सहयोग, प्रगति और प्रोत्साहन की रफ्तार भी आज के मुकाबले अधिक होनी चाहिए। ये भारत और ईरान के लिए महत्वपूर्ण और फायदेमंद है। ईरान के राजदूत ने भारत सरकार पर भरोसा जताते हुए कहा कि इस मामले में उनकी सोच सकारात्मक है। चाबहार एक समुद्री बंदरगाह है। यह न केवल हिंद महासागर बल्कि अफगानिस्तान के भी करीब है। यह भारत और ईरान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन ईरान के पास फारस की खाड़ी में चारों ओर बंदरगाह हैं। हम इनका आवागमन और आयात-निर्यात के लिए प्रयोग कर सकते हैं। इस लिहाज से देखें तो चाबहार बंदरगाह भारतीय हितों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।
प्रतिबंधों से बिगड़ी वित्तीय स्थिति
ईरान के राजदूत ने इस बात को स्वीकार किया कि अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से देश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। अगर तेहरान के पास पैसा हो तो उसे चाबहार में किसी और देश के आने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। भारत एक समुद्री देश है। ऐसे में ईरान उम्मीद करता है कि भारत चाबहार के जरिए अपने सामान की खेप भेज सकता है। हम पर पाबंदियां लगी हुई हैं। चाबहार ईरान के नेटवर्क में नहीं है। लेकिन अगर हमारे पास पैसा हो तो हमें किसी और देश की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमें सहयोग, राजनीतिक सहयोग और कुछ हद तक प्रयोगों की आवश्यकता है। परियोजना को लेकर प्रगति बनी हुई है। हम किसी और देश को दोष नहीं दे रहे हैं। लेकिन प्रतिबंध आसान नहीं हैं।
—
000

