कोरोना के बाद एचथ्रीएन2 वायरस का कहर, देश में अब तक 10 की मौत

-सबसे ज्यादा 58 केस महाराष्ट्र में; 24 घंटे में मुंबई में 4 नए मरीज मिले

नई दिल्ली। एचथ्रीएन2 इन्फ्लूएंजा के प्रकोप ने पूरे देश में चिंता बढ़ा दी है। इन्फ्लूएंजा के मामले ऐसे वक्त पर सामने आ रहे हैं, जब तीन साल बाद देश कोरोना महामारी से उबर था। एचथ्रीएन2 वायरस से देश में अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है। दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में इस वायरस का खतरा बढ़ गया है। वायरस का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में है। यहां अब तक स्वाइन फ्लू और एचथ्रीएन2 के कुल 352 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें एचथ्रीएन2 से पीड़ित मरीज 58 मरीज हैं। बीएमसी के मुताबिक, मुंबई में 32 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 4 मरीज एचथ्रीएन2 और 28 एच1एन1 के मरीज हैं। इन सभी मरीजों की हालत फिलहाल स्थिर है।

महाराष्ट्र में दो मौतों का दावा

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने बताया कि एचथ्रीएन2 वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है और अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि एचथ्रीएन2 वायरस जानलेवा नहीं है और इसे इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में इस वायरस से अब तक तीन लोगों की मौत हुई है। पिंपरी चिंचवाड़ इलाके में गुरुवार को 73 साल के एक शख्स की एचथ्रीएन2 वायरस से मौत हो गई। मरीज हृदय की बीमारी से जूझ रहा था। इससे पहले अहमदनगर के मेडिकल स्टूडेंट की इस वायरस से मौत हो गई थी। युवक पिछले हफ्ते अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए अलीबाग गया था। वहां से लौटने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी।

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79% सैंपल्स में मिला वायरस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि लैब में टेस्ट किए गए इंफ्लूएंजा सैंपल्स में से लगभग 79% में एचथ्रीएन2 वायरस पाया गया है। इसके बाद 14% सैंपल्स में इंफ्लूएंजा बी विक्टोरिया वायरस पाया गया है और 7% में इंफ्यूएंजा ए एच1एन1 वायरस पाया गया है। एच1एन1 को आम भाषा में स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है। मंत्रालय का कहना है कि मार्च एंड से एचथ्रीएन2 वायरस के मामले कम होने लगेंगे।

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