-डिफेंस मिनिस्ट्री ने दी मंजूरी
नई दिल्ली। भारतीय सेना को और ज्यादा शक्तिशाली बनाने के लिए डिफेंस मिनिस्ट्री ने बड़ा फैसला लिया है। डिफेंस मिनिस्ट्री ने भारतीय डिफेंस फोर्सज के लिए 70 हजार करोड़ रुपये से अलग-अलग वेपन सिस्टम (हथियार प्रणाली) खरीदने के लिए मंजूरी दे दी है। डिफेंस मिनिस्ट्री के अधिकारियों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, रक्षा मिनिस्ट्री राजनाथ सिंह के ने डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल की उस मीटिंग का नेतृत्व किया, जिसमें भारतीय नौसेना के लिए 60 मेड इन इंडिया यूटिलिटी हेलीकॉप्टर और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, भारतीय सेना के लिए 307 एटीएजीएस हॉवित्जर, भारतीय तटरक्षक बल के लिए 9 एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।
मेगा ऑर्ड शामिल
डिफेंस मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस डील में भारतीय नौसेना को एचएएल से 60 यूएच समुद्री हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए 32,000 करोड़ रुपये का मेगा ऑर्डर शामिल है। इसके अलावा डिफेंस अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि भारतीय नौसेना के लिए 56,000 करोड़ रुपये की ब्रह्मोस मिसाइल, शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम और यूटिलिटी हेलीकॉप्टर-समुद्री की खरीद को मंजूरी दे दी गई है। इसे एसयू-30 एमकेआई विमान से अटैच किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय संसद में पेश किया है विधेयक
इससे पहले थिएटर कमांड बनाने के अपने कदम के बीच बुधवार को रक्षा मंत्रालय ने संसद में एक विधेयक पेश किया, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुखों को उनके अधीन काम करने वाले तीनों बलों के सभी कर्मियों पर अनुशासनात्मक अधिकार दिए गए हैं। विधेयक को अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 नाम दिया गया है। विधेयक में कहा गया है कि केंद्र सरकार अधिसूचना द्वारा एक अंतर-सेवा संगठन का गठन कर सकती है, जिसमें एक संयुक्त सेवा कमान शामिल हो सकती है, जिसमें इकाइयां या सेवा कर्मी शामिल हैं, जो किसी भी सेवा अधिनियम के अधीन हैं, जैसा कि कमांड के तहत रखा जा सकता है। कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड जैसा भी मामला हो।
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