—केंद्र सरकार ने मांगी थी रिपोर्ट, जांच में दोषी पाए गए एक आईएएस और आठ आईपीएस
नई दिल्ली। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी। उस मामले में अब नौ अफसरों पर गाज गिरी है। इनमें पंजाब के तत्कालीन मुख्य सचिव और डीजीपी समेत नौ अफसर हैं। विस्तृत जांच के बाद ये फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि असल में पिछले साल जब पीएम मोदी पंजाब चुनाव के दौरान प्रचार के लिए गए थे, तब किसानों ने उनके काफिले को बीच सड़क पर रोक दिया था। उसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया था. 20 मिनट के करीब प्रधानमंत्री का काफिला फंसा रहा था। तब की चन्नी सरकार ने दावा किया था कि ऐन वक्त पर पीएम का रूट बदल दिया गया था, वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर ही गंभीर आरोप लगा दिए थे। अब उसी मामले में 9 पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरी है। बताया जा रहा है कि उस समय के चीफ सेकरेट्री अनिरुद्ध तिवारी, पंजाब डीजीपी एस चट्टोपाध्याय, एसएसपी हरमनदीप सिंह, तब के डिप्टी आईजी सुरजीत सिंह को दोषी पाया गया है।
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इन पर गिरी गाज
तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी के अलावा डीआईजी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस, एसएसपी चरनजीत सिंह, एडीजीपी नागेश्वर राव, एडीजी नरेश अरोड़ा, आईजी राकेश अग्रवाल, आईजी इंद्रवीर सिंह और डीआईजी सुरजीत सिंह दोषी पाए गए हैं। इन पर चार्जशीट दायर होगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने बनाई थी जांच समिति
बड़ी बात ये है कि पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 5 सदस्यों की एक कमेटी गठित की गई थी जिसकी अगुवाई रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने की थी। छह महीने पहले जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसमें राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, पुलिस प्रमुख एस चट्टोपाध्याय और अन्य शीर्ष अधिकारियों को चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके बाद, इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ से कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करने को कहा था। इसमें राज्य सरकार द्वारा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी का भी जिक्र किया गया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल 5 जनवरी, 2022 को पीएम पंजाब दौरे पर गए थे, जब वह बठिंडा हवाई अड्डे से हुसैनीवाला जाने के लिए सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे थे तो उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर आधे घंटे तक फंसा रहा। गृह मंत्रालय ने तब बताया था कि पीएम मोदी के कार्यक्रम और दौरे के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। ऐसे में नियमों के मुताबिक राज्य को सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने की जरूरत थी। वैसे उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान भी चर्चा में रहा था। उन्होंने कहा था कि अपने सीएम को शुक्रिया कहना कि मैं जिंदा वापस आ गया।
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