राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में बवाल, गोयल के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस

— सदन में भाजपा का दिखा आक्रामक रुख, विपक्ष ने भी जमकर किया हंगामा

—हंगामे के कारण नहीं हो सकिा शून्यकाल एवं प्रश्नकाल

भारतीय लोकतंत्र एवं संसद के बारे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया बयान को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा का आक्रामक रुख कायम रहने तथा सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ कांग्रेस के विशेषाधिकार हनन के कारण सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के हंगामे के चलते मंगलवार को भी राज्यसभा में गतिरोध बना रहा। उच्च सदन में सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण शून्यकाल एवं प्रश्नकाल भी नहीं हो सका।

नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को इसी मुद्दे पर गतिरोध बना रहा था। सदन के नेता पीयूष गोयल ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि वह जिस विषय पर बोल रहे हैं, वह बहुत गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार संसद की अवमानना की गयी है और जिस प्रकार देश की अस्मिता को आहत किया गया है, उसमें उस नेता को सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए। गोयल ने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने विदेशी भूमि में जाकर संसद के बारे में ‘ओछी बातें’ कही हैं। उन्होंने कहा कि एक विपक्षी नेता का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली हुई है और पूरे विश्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और पूरा विश्व उनकी तरफ इस आकर्षण से देख रहा है कि वह दुनिया की समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकते हैं। सदन के नेता ने सभापति जगदीप धनखड़ से अनुरोध किया कि वह संबंधित नेता को यह निर्देश दें कि वह सदन में आकर माफी मांगें। कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि यहां सदन के नेता ने जो बात कही, वह लोकसभा के एक सदस्य के लिए है। गोहिल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक विशेषाधिकार हनन नोटिस भी दिया है जिसमें पुराने ऐसे कई मामलों का संदर्भ दिया गया है। उन्होंने कहा कि भले ही किसी का नाम नहीं लिया गया हो पर इस सदन में लोकसभा के किसी सदस्य का सामान्य तौर पर जिक्र नहीं हो सकता है। इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि कल सदन के नेता ने एक विषय उठाया था जिस पर उन्होंने विचार किया। उन्होंने कहा कि उन्हें आज विपक्ष के नेता और सदन के कई वरिष्ठ सदस्यों से चर्चा करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि आज इस बारे में दोपहर ढाई बजे एक और बैठक होने वाली है। धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस सदस्य गोहिल ने उनके पास एक संवाद (नोटिस) भेजा है। उन्होंने कहा कि इस संवाद की परिकल्पना बहुत अच्छी तरह से तैयार की गयी है किंतु इसमें वास्तविक स्थिति को सही ढंग से इंगित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि गोहिल से संबंधित तथ्यों को उपलब्ध कराने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह यथाशीघ्र अपनी व्यवस्था देंगे और इसे शायद आज या कल सुनाया जाए।

सांसद गोहिल ने गोयल पर लगाया आरोप

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने सदन के नेता गोयल के खिलाफ मंगलवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। आरोप लगाया कि पीयूष गोयल ने लोकसभा के एक सदस्य के खिलाफ आरोप लगाकर उच्च सदन के नियमों एवं प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है। सूत्रों के अनुसार सभापति धनखड़ को नियम 188 के तहत दिए नोटिस में गोहिल ने कहा कि गोयल ने उस नियम 238 का हनन किया है ‘जो स्पष्ट रूप से कहता है कि कोई भी सदस्य किसी दूसरे सदस्य या दूसरे सदन के सदस्य के खिलाफ मानहानिकारक एवं अभियोगात्मक प्रकृति वाला कोई आरोप नहीं लगा सकता।

केंद्रीय मंत्री ने दिया ऐसा उदाहरण

सभापति ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 79 में ‘संसद’ शब्द का प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि संसद में लोकसभा एवं राज्यसभा, दोनों आते हैं। उन्होंने कहा कि 1957 में लोकसभा के एक सदस्य एन सी चटर्जी ने चेन्नई में जाकर राज्यसभा के समुचित कामकाज नहीं करने के बारे में बोला था, जिसका उच्च सदन ने संज्ञान लिया था। राज्यसभा की नियम पुस्तिका के अनुसार चटर्जी भले ही दूसरे सदन के सदस्य थे किंतु उन्होंने उच्च सदन के कामकाज पर बोला था, इसलिए यहां उस पर संज्ञान लिया गया।

गोयल बोले-बयान सभी सांसदों के स्वाभिमान से जुड़ा

सदन के नेता पीयूष गोयल ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि विपक्ष के एक नेता ने विदेशी धरती पर जो बयान दिया है, वह देश की अस्मिता और सभी सांसदों के स्वाभिमान से जुड़ा है। गोयल ने कहा, उन्हें यहां आकर माफी मांगनी पड़ेगी। इस बीच विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ते देख सभापति ने 12 बजकर करीब सात मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इधर, ऑस्कर के बहाने खड़गे का मोदी पर तंज

राज्यसभा में ऑस्कर में भारत को दो अवॉर्ड की चर्चा हुई। आरआरआर के राइटर के. विजयेन्द्र कुमार राज्यसभा के सदस्य भी हैं। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने चर्चा की बात कही। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन तक ने भारतीय फिल्म जगत की जमकर तारीफ की। इस दौरान खड़गे ने तो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज भी कसा। खड़गे ने आरआरआर के गाने नाटू-नाटू को ऑस्कर मिलने पर सराहना की। सरकार पर कटाक्ष किया और कहा, उम्मीद है कि मोदी सरकार इन पुरस्कारों का श्रेय नहीं लेगी। खड़गे ने कहा कि पहली बार नाटू-नाटू गाने को ऑस्कर में अवॉर्ड मिला है। ‘द एलिफेंट व्हिस्पर्स’ ने भी पुरस्कार जीता है। अच्छी बात ये है कि ये दोनों ही अवॉर्ड दक्षिण भारतीय फिल्मों को मिले हैं। हमें बेहद खुशी है। मेरा आग्रह है कि रूलिंग पार्टी इसका क्रेडिट नहीं ले कि हमने इसे डायरेक्ट किया है, हमने इसे लिखा है। मोदी जी ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया है। खड़गे ये बोलते हुए जोर-जोर से हंसने लगे। उनकी बात सुनकर सत्ता पक्ष में बैठे पीयूष गोयल, एस जयशंकर भी जमकर ठहाका लगाने लगे।

उपराष्ट्रपति बोले- मैं वकील नहीं होता तो फिल्मों में होता

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी भारतीय फिल्मों के ऑस्कर जीतने पर खुशी जताई। धनखड़ ने इसी बहाने अपनी पुरानी कहानी सुनाई। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि अगर मैं वकील नहीं बनता, तो मैं निश्चित रूप से फिल्मों में होता। राज्यसभा सदस्य और नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने नाटू-नाटू के ऑस्कर जीतने पर बधाई दी।

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