—शराब घोटाले मामले में अदालत से ‘आप’ नेता को नहीं मिली राहत
—25 मार्च को जमानत पर होगी सुनवाई
इंट्रो
दिल्ली शराब घोटाले मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सीबीआई के बाद ईडी ने शिकंजा कसा है। यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को सिसोदिया को 17 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया। सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब 21 मार्च को दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगी।
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नई दिल्ली। विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने धनशोधन रोधी जांच एजेंसी को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सिसोदिया को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति दी। ईडी ने सिसोदिया की 10 दिन की हिरासत मांगी थी। इससे पहले अदालत ने ‘आप’ नेता की हिरासत को लेकर ईडी और सिसोदिया के वकीलों की दलीलें सुनीं। ‘राउज एवेन्यू’ अदालत परिसर के भीतर और बाहर सुरक्षा बल की भारी तैनाती की गई। संघीय धनशोधन रोधी जांच एजेंसी के वकील ने आरोप लगाया कि सिसोदिया ने ‘घोटाले’ के बारे में गलत बयान दिया और एजेंसी आरोपियों की कार्यप्रणाली का पता लगाना चाहती है और अन्य आरोपियों के साथ उनका आमना-सामना कराना चाहती है। ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने एक विशेष अदालत के समक्ष यह भी दावा किया कि सिसोदिया ने अपने फोन को नष्ट कर दिया, जो जांच में एक महत्वपूर्ण सबूत है।ईडी के दावों पर सिसोदिया की ओर से पेश वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं। वरिष्ठ अधिवक्ताओं दयान कृष्णन, मोहित माथुर और सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि आबकारी नीति उपराज्यपाल द्वारा मंजूर की गई थी जिन्होंने इसकी जांच की होगी। सिसोदिया की हिरासत के लिए ईडी की याचिका का विरोध करते हुए उनके वकीलों ने कहा कि नीति बनाना कार्यपालिका का काम है, जिसे कई चरण से गुजरना पड़ता है।
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ईडी की जांच पर उठाए सवाल
आप नेता के वकील ने अदालत से कहा, ईडी धनशोधन मामले में नीति निर्माण की जांच कैसे कर सकता है। वकील ने कहा, ईडी को मेरे मुवक्किल के पास से एक पैसा भी नहीं मिला है। मामला पूरी तरह से अफवाह पर आधारित है।
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तिहाड़ जेल में दो दिन हुई थी पूछताछ
सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले ईडी ने उनसे जेल में दो दिन तक पूछताछ की। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले सोमवार शाम ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट से सिसोदिया से पूछताछ करने की इजाजत मांगी थी। जेल सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने सिसोदिया से शराब नीति में बदलाव के कारणों के बारे में पूछा। साथ ही उनसे इस मामले में ली गई रिश्वत के बारे में भी सवाल किए गए।
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ईडी ने सिसोदिया को क्यों किया गिरफ्तार
ईडी पिछले साल अगस्त 2022 में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में पीएमएलए के तहत धनशोधन के एक मामले की जांच कर रही है। ईडी अब तक इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसी साल जनवरी में, एजेंसी ने एक पूरक चार्जशीट दायर की और दावा किया कि आप के शीर्ष नेताओं ने खुद के लिए अवैध धन जुटाने के उद्देश्य से आबकारी नीति बनाई थी। ईडी ने आरोप लगाया कि साजिश निजी संस्थाओं को थोक व्यापार देने और उसी से छह फीसदी रिश्वत प्राप्त करने के लिए 12 फीसदी मार्जिन तय करने की थी। ईडी ने अपनी चार्जशीट में शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को साजिश का सरगना और मुख्य लाभार्थियों में से एक बताया था। इसमें महेन्द्रू, विजय नायर, पी. सरथ चंद्र रेड्डी, बिनॉय बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली, अमित अरोड़ा और 11 कंपनियों सहित कुल 17 संस्थाओं को आरोपी बनाया गया।
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सीबीआई और ईडी के मामलों में ऐसा अंतर
ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में मनी धनशोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुईं कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है।
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