देश का पहला साइलेंट स्टेशन चेन्नई सेंट्रल

  • ऑडियो अनाउंसमेंट बंद करने का लिया गया फैसला
  • विजुअल डिस्प्ले और इन्क्वायरी बूथ के जरिए ही मिलेगी अब ट्रेनें की जानकारी

(फोटो : चेन्नई)

चेन्नई। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद सबसे पहले आपको सुनाई देती है तो वह है ट्रेनों की आवाजाही से संबंधित अनाउंसमेंट। यात्रीगण कृपया ध्यान दें! यह वाक्य रेलवे स्टेशन की निशानी बन चुका है। हालांकि अब चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन साइलेंट स्टेशन बन गया है। डॉ. एमजीआर रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन ने ऑडियो अनाउंसमेंट बंद करने का फैसला किया है। यह देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन है। अब इस स्टेशन पर विजुअल डिस्प्ले और इन्क्वायरी बूथ के जरिए ही ट्रेनें की जानकारी मिल सकेगी। हाल में साउथ रेलवे जनरल मैनेजर आरएन ने इस फैसले का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि सभी डिस्प्ले बोर्ड ठीक तरीके से काम कर रहे हों। इसके अलावा पूछताछ खिड़कियों पर पर्याप्त स्टाफ को भी बैठाया गया है। तीनों एंट्री पॉइंट्स पर भी डिजिटल स्क्रीन लगाई गई हैं।

ब्रेल नेविगेशन मैप भी

इन स्क्रीनों पर तीन भाषाओं में ट्रेनों की आवाजाही की जानकारी दी जाएगी। तमिल, अंग्रेजी और हिंदी में सूचना दिखाई देगी। आसपास के इलाकों में भी तीन डिजिटल बोर्ड लगाए गए हैं। दिव्यांगों के लिए ब्रेल नेविगेशन मैप भी लगाए गए हैं। हालांकि सबअर्बन ट्रेनों के लिए अनाउंसमेंट जारी रहेगा। इस बारे में लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है। बहुत सारे लोगों का कहना है कि ऐलान से जानकारी जुटाने में आसानी रहती थी। वहीं कई लोगों का कहना है कि इससे अनपढ़ लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।

150 साल पुराना स्टेशन

बता दें कि चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन करीब 150 साल पुराना है। इस स्टेशन पर पहली बार इस तरह की पहल की गई है। अब यात्रियों और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया ली जाएगी और इसके बाद ही फैसला किया जाएगा कि यह सिस्टम कारगर है या नहीं।

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