गहलोत, चड्ढा, शाह भी सीबीआई के राडार पर, कभी भी कस सकता है शिकंजा

-सिसोदिया के बाद आप के और नेता भी हैं एजेंसियों के निशाने पर

-कई और आप नेताओं की भी चल रही है जांच

-शराब घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व मनी लांड्रिंग मामले में जेल में हैं जैन

-(फोट : आप)

नई दिल्ली। शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मनी लांड्रिंग मामले के आरोपी सत्येंद्र जैन जेल में हैं। चर्चा है कि इनके अलावा भी आप के तीन नेता सीबीआई के राडार पर हैं। उन्हें कभी भी गिरफतार किया जा सकता है। सिसोदिया के बाद कैलाश गहलोत पर भी सीबीआई जांच की आंच आ सकती है। उनके अलावा आप नेता राघव चड्ढा और दिल्ली डायलॉग कमीशन के प्रमुख रहे जैस्मिन शाह भी जांच के घेरे में फंस सकते हैं।

कैलाश गहलोत

गहलोत अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी माने जाते हैं।गहलोत पर पहले से ही कई मामले लंबित हैं। गहलोत सरकार में सबसे वरिष्ठ और आलाकमान के भरोसेमंद माने जाते हैं। उन पर पहले ही डीटीसी बसों की खरीद में घोटाले करने के आरोप हैं। भाजपा ने आरोप लगाया था कि गहलोत के परिवहन मंत्री रहते हुए दिल्ली सरकार ने एक हजार डीटीसी बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की थी। भाजपा का आरोप है कि इन 1000 बसों की खरीद और इनके रखरखाव मामले में भ्रष्टाचार किया गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने डीटीसी बसों की खरीद के मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने का मामला सीबीआई को सौंप दिया था।

राघव चड्ढा

राघव चड्ढा को अरविंद केजरीवाल का बेहद करीबी माना जाता है। चड्ढा पर दिल्ली जल बोर्ड में प्रमुख पद पर रहते हुए जल बोर्ड में आपत्तिजनक हेरफेर करने के आरोप हैं। आरोप है कि पुरानी पाइपों को बदलकर नए करने के मामले में भी घोटाला किया गया था। चड्ढा इस मामले में कार्रवाई के घेरे में आ सकते हैं।

जैस्मिन शाह

आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों में दिल्ली डायलॉग कमीशन के पूर्व चेयरमैन जैस्मिन शाह निशाने पर हैं। उपराज्यपाल ने कमीशन की कार्यप्रणाली में गंभीर अनियमितता पाई थी और इसे असंवैधानिक संस्था करार दिया था। माना जा रहा है कि इस मामले में जैस्मिन शाह भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।


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सिसोदिया- जैन का इस्तीफा नामंजूर

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मनीष सिसोदिया का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया है। उनके कारण सत्येंद्र जैन का इस्तीफा भी स्वीकृत नहीं हो सका है। उपराज्यपाल के दफ्तर से जो वजहें बताई गईं हैं उनमें सिसोदिया के इस्तीफे पर तारीख न लिखा होना कहा जा रहा है। दोनों ही इस्तीफे एलजी को 28 फरवरी को भेजे गए। कहा जा रहा है कि सिसोदिया ने ये इस्तीफा जेल से तो टाइप नहीं किया होगा। तो क्या उन्होंने यह सीबीआई की पूछताछ पर जाने से पहले ही लिख दिया था। क्या जैन का प्लेन और हस्तलिखित इस्तीफा उसके बाद लिया गया है?


दिग्गज भाजपा नेता ने बताया सिसोदिया को ईमानदार

(फोटो : नेता)

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर भाजपा के वयोवृद्ध नेता व हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम शांता कुमार ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘निजी तौर पर तो सिसोदिया बेहद ईमानदार शख्स हैं, लेकिन पार्टी और चुनाव के लिए धन इक्टठा करने के लिए यह सब कुछ किया होगा। उन्होंने कहा कि यदि यही सच है तो देश को गंभीरता के साथ कुछ फैसले करने होंगे। यह बात भी सोचने वाली है कि सिसोदिया के घर की तलाशी हुई और लॉकर भी खंगाले गए, लेकिन सीबीआई को जांच में कुछ भी नहीं मिला।

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