चीता प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिक का कार्यकाल घटा, मचा बवाल

-लोग हैरान, कांग्रेस ने उठाए सवाल

सरकार ने जाने-माने जीव विज्ञानी और भारतीय वन्यजीव संस्थान के डीन वाई वी झाला का कार्यकाल अचानक एक साल कम कर दिया। पर्यावरण मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जल्द ही नए वैज्ञानिकों की नियुक्तियां की जाएंगी। सरकार के इस फैसले से लोग हैरान हैं। उनके रिटायरमेंट के बाद दो साल के लिए एक्सटेंशन दिया गया था जिसे कम करके एक साल ही कर दिया गया है। मंत्रालय के आदेश में कहा गया कि झाला को तत्काल प्रभाव से रिटायर किया जाता है। झाला को महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट में अहम योगदान के लिए भी जाना जाता है। वह 2009 से ही चीता टास्क फोर्स का हिस्सा हैं। पहले माना जा रहा था की चीता प्रोजेक्ट में ही मदद करने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। हालांकि सितंबर में उन्हें सरकार के चीता प्रोजेक्ट से अलग कर दिया गया था। जब नामीबिया से चीता का पहला जत्था लाया गया तब वह इसका हिस्सा नहीं थे

कांग्रेस का आरोप

डॉ. झाला के सहयोगियों का कहना है कि डॉ. झाला किसी भी बात से समझौता करने को तैयार नहीं हैं। वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस कदम पर सरकार से सवाल किया है। उनका कहना है कि झाला गुजरात के बाहर गिर शेर के लिए दूसरी जगह के भी समर्थक रहे हैं और इसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी।

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