–जी20 देशों ने प्रत्यर्पण को लेकर किया मंथन, भ्रष्टाचार पर जमकर वार
–भारत ने द्विपक्षीय समन्वय के बजाय बहुपक्षीय कार्रवाई पर दिया जोर
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इंट्रो
भारत में बुधवार को जी-20 देशों के भ्रष्टाचार रोधी कार्य समूह की बैठक हुई। इसमें भारत ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों का त्वरित प्रत्यर्पण और चोरी की संपत्ति की विदेशों से जब्ती सुनिश्चित करने के लिए द्विपक्षीय समन्वय के बजाय बहुपक्षीय कार्रवाई पर जोर दिया। जी-20 देशों ने भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने पर मंथन किया, वहीं प्रत्यर्पण को लेकर कई मुद्दों पर रणनीति बनी।
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नई दिल्ली। भारत द्वारा इस पर जोर दिया जाना महत्वपूर्ण है क्योंकि देश हीरा कारोबारी नीरव मोदी और कारोबारी विजय माल्या सहित भगोड़े आर्थिक अपराधियों को विभिन्न देशों से प्रत्यर्पित कराने का प्रयास कर रहा है। उद्घाटन सत्र में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भ्रष्ट लोग अपराध से अर्जित आय को ठिकाने लगाने का एक तरीका ढूंढ़ते हैं और यह ऐसी रकम है, जिसका इस्तेमाल गलत कृत्यों में किया जाता है। सिंह ने कहा, यह आंतकवादी वित्त पोषण के प्रमुख स्रोतों में से एक है। युवाओं का जीवन बर्बाद करने वाले मादक पदार्थों के उत्पादन से लेकर मानव तस्करी तक, लोकतंत्र को कमजोर करने वाली गतिविधियों से लेकर अवैध हथियारों की बिक्री तक, यह काली कमाई कई विनाशकारी कृत्यों का वित्त पोषण करती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को जी20 देशों के बीच सूचनाओं के सक्रिय आदान-प्रदान के जरिये संपत्ति की जब्ती के लिए और भी तेजी से काम करने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, इसलिए बेहतर समन्वय, न्यायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाने और मामलों के समय पर निपटान के लिए द्विपक्षीय समन्वय के बजाय बहुपक्षीय कार्रवाई की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वित्तीय या बैंकिंग धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं, जिनकी जांच प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत की गई और इन मामलों में उच्च संपत्ति वाले लोग शामिल थे, जिनकी अपराध से आय एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक थी। सिंह ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि अपराधी अपराध का पता चलने से पहले या बाद में देश छोड़कर भाग गए और यही कारण है कि उनकी यात्रा को प्रतिबंधित करने के मकसद से उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया। उन्होंने कहा, ईडी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लगभग 180 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति हस्तांतरित की है, जिन्हें कथित रूप से अत्यधिक संपन्न व्यक्तियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण लगभग 272 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा है।” मंत्री ने कहा कि अनुरोध पत्र (एलआर) के जरिये विदेशी प्रशासन से संपत्ति से जुड़ी जानकारी जुटाने की प्रक्रिया शुरू करने के बावजूद यह पाया गया है कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया बेहद लंबी और जटिल बनी रहती है, जिससे अपराध की जांच और सुनवाई में देरी होती है। उन्होंने कहा, यह हमारा सुविचारित मत है कि देश और विदेश, दोनों में अपराध से अर्जित आय या संपत्ति की त्वरित जब्ती के लिए तंत्र को मजबूत किए जाने से अपराधी अपने देश लौटने के लिए मजबूर हो जाएंगे। सिंह ने कहा कि ऐसा होने से, संबंधित अपराध की प्रभावी जांच और त्वरित सुनवाई में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, इससे बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों व कर अधिकारियों को ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों द्वारा की गई चूक से जब्ती करने में मदद मिलेगी। साथ ही संबंधित राशि के दुरुपयोग की आशंका समाप्त करते हुए इन बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों की स्थिति में कुछ हद तक सुधार लाया जा सकेगा।
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जी20 देशों के बीच संपत्ति की वसूली
केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया कि भारत की जी20 अध्यक्षता जी20 देशों के बीच संपत्ति की वसूली और सूचना साझा करने पर एक प्रभावी, कुशल और उत्तरदायी तंत्र प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि सभी राष्ट्र भ्रष्टाचार के खिलाफ एक समान दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि इटली की सह-अध्यक्षता में कार्य समूह भ्रष्टाचार को रोकने और मुकाबला करने के उद्देश्य से ठोस निष्कर्ष पर पहुंचेगा।
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भारत के भगोड़े आर्थिक अपराधी
ईडी के अनुसार, 2014 से भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, नितिन जयंतीलाल संदेसरा, चेतन कुमार जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा और हितेश कुमार नरेंद्रभाई पटेल हजारों करोड़ रुपए के वित्तीय अपराधों में वांछित हैं। नीरव मोदी 6,400 करोड़ रुपए से अधिक के पंजाब नेशनल बैंक ऋण घोटाला मामले में धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों में भारत में वांछित है। माल्या बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के ऋण चूक मामले में आरोपों का सामना कर रहा है।
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ब्रिटेन विदेश मंत्री ने बीबीसी टैक्स का मुद्दा उठाया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को एक बैठक में बीबीसी के कर सर्वेक्षण संबंधी मुद्दे को उठाने पर अपने ब्रिटिश समकक्ष जेम्स क्लेवरली से कहा कि भारत में सक्रिय सभी संस्थाओं को प्रासंगिक कानूनों का पूरी तरह पालन करना चाहिए। क्लेवरली एक और दो मार्च को जी-20 विदेश मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए भारत में है। जयशंकर और क्लेवरली ने कई मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें कई क्षेत्रों में दो-तरफा जुड़ाव का विस्तार करने के तरीके भी शामिल हैं। भारत सरकार के एक सूत्र ने बताया, ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने जयशंकर के समक्ष बीबीसी कर का मुद्दा उठाया। उन्हें दृढ़ता से कहा गया कि भारत में काम करने वाली सभी संस्थाओं को प्रासंगिक कानूनों और विनियमों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।
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