संसद में भी शिवसेना को आवंटित ऑफिस पर शिंदे गुट का कब्जा

-उद्धव गुट को एक और झटका

नई दिल्ली। चुनाव आयोग द्वारा शिव सेना का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को देने के बाद उद्धव ठाकरे गुट को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल संसद भवन में शिवसेना को आवंटित कार्यालय भी एकनाथ शिंदे गुट को मिल गया है। लोकसभा सचिवालय ने एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना कार्यालय आवंटित करने का आदेश दिया है। लोकसभा सचिवालय ने अपने आदेश में कहा है कि संसद भवन का कमरा नंबर 128 शिव सेना संसदीय पार्टी को बतौर कार्यालय आवंटित किया जाता है। इससे पहले एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का नाम, चुनाव चिन्ह और महाराष्ट्र विधानसभा में स्थित पार्टी कार्यालय पर कब्जा मिल चुका है। सोमवार को एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह मुंबई स्थित शिवसेना भवन और उद्धव ठाकरे गुट की अन्य संपत्तियों पर दावा नहीं करेंगे। शिंदे ने कहा कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह उन्हें योग्यता के आधार पर दिया गया है। बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा हमारी संपत्ति है। हम दूसरों की संपत्ति पर निगाह नहीं रखते। शिंदे ने कहा कि करीब 76 फीसदी निर्वाचित सदस्य हमें समर्थन दे रहे हैं। हमारे पास नाम और चुनाव चिन्ह भी है। अगर चुनाव आयोग विपक्षी गुट को नाम और चुनाव चिन्ह देने का आदेश देता तो भी वह कोई सवाल नहीं उठाते। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई है। इस बैठक में शिंदे गुट के विधायक, सांसद और अन्य नेता शामिल होंगे। चुनाव आयोग के फैसले के बाद जिस तरह से उद्धव ठाकरे लगातार शिंदे गुट पर हमलावर है, ऐसे में इस बैठक के जरिए एकनाथ शिंदे अपनी ताकत दिखा सकते हैं। इस बैठक में शिंदे गुट शिवसेना की नई कार्यकारिणी पर भी चर्चा कर सकता है।

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उद्धव गुट की याचिका स्वीकार, आज होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उद्धव गुट की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न शिंदे गुट को दिए जाने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि वह कल यानी बुधवार दोपहर 3.30 बजे इस मामले पर सुनवाई करेगा। ठाकरे गुट की पैरवी कर रहे वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के सामने मंगलवार को इस मामले का जिक्र किया। सिब्बल ने कहा, ‘‘अगर निर्वाचन आयोग के आदेश पर रोक नहीं लगाई जाती है, तो वे चिह्न और बैंक खाते अपने कब्जे में ले लेंगे। कृपया इसे संविधान पीठ के समक्ष कल के लिए सूचीबद्ध कीजिए।’इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे मामले की फाइल पढ़ने की जरूरत है और उसने मामले की सुनवाई को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया। निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शुक्रवार को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित अविभाजित शिवसेना का ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था

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